लखनऊ. अभी तक आपने बकरी और ऊंटनी का दूध के सेवन से अलग अलग बीमारियों को ठीक होने का दावा कुछ सुना होगा, परंतु अब वैज्ञानिक खरगोश की एक ऐसी नस्ल विकसित करने में जुटे हुए हैं, जिसके दूध से कार्डियक मरीज का इलाज किया जाएगा. बताते चलें खरगोश के दूध के व्यावसायिक उपयोग के लिए हालैंड में एक डेरीफार्म खोला गया है. यह विश्व का एक पहला डेरीफार्म है जहां पर खरगोशों को पाला जाएगा. यह खरगोश जीन संवर्धित होंगे यानी कि उनमें जीन क्रम में जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से एक मानव जीन और सी 1 इन्हीं Betar नामक प्रोटीन डाला जाएगा. इस तरह से जीन संवर्धित खरगोश से प्राप्त दूध से उन लोगों का इलाज करने में मदद मिलेगी, जिन्हें कोई अंग प्रत्यारोपित करवाना होगा.
दरअसल यह दो तो मरीजों का इलाज में मदद पहुंचाएगा, जो कि स्ट्रोक हार्ट अटैक या दुर्घटना का शिकार हो गए हो. या उन्हें किसी अंग या टिश्यू का प्रत्यारोपण करवाना हो. इसके अलावा इस दूध से आनुवंशिक इम्यून डिसऑर्डर एंजियो डेमा के इलाज में मदद मिल सकती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दूर शरीर में प्रत्यारोपित किसी अंग या किसी को शरीर द्वारा रिजेक्ट करने की प्रक्रिया को रोक लगाने में मददगार साबित हो सकता है. बताते चले वैज्ञानिकों का मानना है कि इस थेरेपी से चिकित्सा जगत में एक नई क्रांति की शुरुआत हो सकती है और कई जटिल बीमारियों खासकर प्रत्यारोपण में टिश्यू रिजेक्ट करने की प्रक्रिया पर रोक लगाना आसान होगा जोगी मरीज के लिए बहुत मददगार होगा.
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