लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर कई संवेदनशील स्थानों पर पानी टपकने के कारण संक्रमण मरीजों में फैलने की आशंका बनी हुई है। इनमें ऑपरेशन थिएटर में पानी टपकने से सीलन से मरीजों में संक्रमण का खतरा बना है। यहां तक इसके बाहरी हिस्से में लगी फाल सीलिंग तक सीलन के कारण गिर चुकी है। यही नहीं आर्थोपैडिक वार्ड में भी सीलने के कारण मरीज संक्रमण में आ सकते है। अगर विशेषज्ञों की माने तो सीलन की वजह से ओटी में फंगस बनता है आैर बैक्टीरियल संक्रमण मरीज को हो सकता है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन उन्होंने नजर अंदाज कर रखा है।
उनका दावा है कि अगर सीलन है तो मरम्मत किया जाएगा। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में अंतिम तल के आस-पास पानी का एक पाइप टूटा है। उसका पानी रिसकर नीचे तक लगातार बह रहा था। इसको ठीक न कराने से ओटी से लेकर कई वार्डो तक पानी व सीलन पहुंच रही है। ट्रॉमा सेंटर के पहले तल पर बनी न्यूरो सर्जरी विभाग की ओटी की हालत लगातार खराब होती जा रही है। यहां पर बाहर हिस्से में लगी फाल सीलिंग कई जगह से उखड़ कर गिर चुकी है। इतना ही नहीं यहां से सीलन ओटी के भीतर भी पहुंच गयी है। अगर कर्मचारियों की माने तो ओटी में अक्सर पानी दीवारों पर नमी बनी रहती है। कई बार शिकायतें भी की गयी लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
अभी तक बजट व अन्य कारणों का हवाला दे दिया जाता है। यहां पर लगातार सीलन बनी रहने के कारण आपरेशन थियेटर में संक्रमण फैलने का खतरा है। वहीं डॉक्टरों का कहना था कि ओटी के बाहरी हिस्से में सीलन आई है अंदर कोई फर्क नहीं है। इसके अलावा आर्थोपैडिक वार्ड के डी ब्लॉक में भी दीवार पर सीलन की वजह से पपड़ी तक बन गयी है आैर उसमें फंगस भी लग गया है। विशेषज्ञों की माने तो ऑपरेशन बाद वार्ड में जाने पर मरीजों में संक्रमण बन सकता है। क्लीनिकल वैज्ञानिक की माने तो ओटी में सीलन की वजह से इंटेरोकॉकस फेसालिस, स्टेफिलोकॉकस, सूडोमोनास ऑरिगिनोसा, ईकॉलाइ फंगस पनपना हैै, जो कि मरीज के लिए हानिकारक होता है। इसकी चपेट में आने पर मरीज को एंटीबायोटिक का हैवीडोस का सेवन करना पड़ सकता है।
ट्रामा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. यूबी मिश्रा का कहना है कि वार्डो में सीलन आने का मामला गंभीर है, अगर ऐसा है उसे ठीक कराया जाएगा। उनका कहना है कि ओटी में अभी किसी तरह की सीलन नहीं पहुंचने की सूचना नही है। मामले की जांच कराई जाएगी।
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