लखनऊ। लगातार हो रहे घाटे से उबरने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड बैक ने न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नेट) से टेस्ट किया हुआ ब्लड महंगा कर दिया है। नेट से जांच किया गया ब्लड का शुल्क जनरल वार्ड के मरीजों को लिए 400 से बढ़ा कर 600 रुपये कर दिया गया है। बढ़ा हुआ ब्लड यूनिट का शुल्क 15 मार्च से लिया जाएगा। अन्य सभी वार्डो में ब्लड यूनिट का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है, पर सूत्रों की माने तो निजी क्षेत्र से ब्लड यूनिट लेने वाले मरीजों के लिए ब्लड का शुल्क बढ़ सकता है। केजीएमयू में मरीजों को नेट से जांच किया हुआ ब्लड यूनिट दिया जाता है। इस उच्चस्तरीय जांच में एक विशेष प्रकार की जांच किट का प्रयोग किया जाता है, जिससे एचआईवी- टू ,वन के अलावा हेपेटाइटिस बी व सी के साथ ब्लड में अन्य गहन संक्रमण पकड़ लेती है। इस जांच किट को खरीदने के लिए लगभग एक वर्ष से केजीएमयू के पास बजट की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। केजीएमयू प्रशासन ने लगातार बजट के लिए राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के साथ ही नेशनल हेल्थ मिशन से मदद की गुहार की।
केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएल बी भट् का दावा है कि केन्द्र से जल्द ही बजट मिलने की संभावना है, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ महीने लग जाएंगे। ऐसे में ब्लड बैंक में नेट की जांच में परेशानी होने लगी थी। ब्लड बैंक प्रभारी व ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की प्रमुख डा. तूलिका ने बताया कि नेट जांच किट का आपूर्ति करने वाली कम्पनी का उधार लगातार बढ़ता जा रहा है। मरीजों के हित में देखते हुए जांच किट की आपूर्ति बंद नहीं हुई है। डा. तूलिका कहना है कि नेट की जांच से किया हुआ ब्लड केजीएमयू में काफी शुल्क पर मरीजों को दिया जा रहा है। यहां पर बीपीएल व अन्य सभी मरीजों को मानकों के अनुसार ही नेट का ब्लड यूनिट निशुल्क दिया जाता है। इसके बाद जनरल वार्ड में मात्र चार सौ रु पये में नेट की जांच का ब्लड दिया जाता था। अब यहां पर ब्लड यूनिट का शुल्क 600 कर दिया गया है। अन्य ब्लड अवयव की शुल्क पहले की तरह की रहेगी।
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