वर्चस्व की जंग में MBBS छात्रों का भविष्य खतरे में

0
767

लखनऊ. वर्चस्व की जंग में 150 MBBS छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद भी अभी तक गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और राम मनोहर लोहिया अस्पताल का विलय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में MBBS प्रथम वर्ष के छात्रों का प्रथम सत्र पूरा होने को है और अभी तक मिले ना होने पर कई महत्वपूर्ण शिक्षण कार्य पर विराम लगा हुआ है. बताते चलें की लोहिया संस्थान और लोहिया अस्पताल विलय को लेकर स्वास्थ्य मंत्री एमओयू कराना चाहते थे जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन बाद ही घोषणा करके लोहिया अस्पताल और लोहिया संस्थान विलय कराने की घोषणा कर दी थी.

Advertisement

इसके बाद चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की बैठक दर बैठक होती रही लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है. अस्पताल के डॉक्टरों को कैसे लोहिया संस्थान में जोड़ा जाएगा और फैकल्टी में शामिल किया जाएगा अभी तक कोई ठोस योजना पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. अब तो MBBS छात्रों के अलावा अभिभावकों में में विलय को लेकर चर्चा होने लगी है. उनका कहना है अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जल्दी ही वह लोग बच्चों के भविष्य को लेकर कोई ना कोई ठोस निर्णय लेने को मजबूर होंगे.

अभिभावकों का कहना है अगस्त में नया सत्र शुरू होगा और उसमें 3 से 4 महीने का वक्त बचा है. मजे की बात यह है लोहिया संस्थान में एमबीबीएस छात्रों के अध्ययन के लिए अभी तक एमसीआई के मांगों को भी पूरा नहीं किया गया है. एनाटॉमी विभाग, पोस्टमार्टम हाउस जैसे महत्वपूर्ण विभाग है ही नहीं. MBBS के प्रथम वर्ष के छात्रों ने अभी तक एनाटॉमी में किसी भी शव को प्रत्यक्ष रुप से देखते हुए अध्ययन नहीं किया है.

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleस्वस्थ भोजन की महत्ता पर दिया जोर
Next articleबस इस एक तकनीक से जुड़ जाएगी यह हड्डी ..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here