आहत डाक्टर ने लगाया केजीएमयू की दवा पर यह आरोप

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों को वितरण की जाने वाली कैल्शियम की टेबलेट को घटिया स्तर का बताते हुए खड़िया निकलने का आरोप एक वरिष्ठ डाक्टर ने लगाया है। इतने बड़े संस्थान में घटिया स्तर की दवा मिलने पर आहत इंडोक्राइन विभाग के इस डॉक्टर ने केजीएमयू डॉक्टर्स ग्रुप पर अपना गुस्सा दवा को दिखाते हुए वायरल कर दिया। इस मैसेज को देखते ही केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। ग्रुप पर ही कुछ डाक्टरों ने लिखित शिकायत सीएमएस को देने के लिए कहा है। लिखित शिकायत मिलने के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं। केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि दवा खराब निकली, तो आपूर्ति करने वाली कंपनी को नोटिस जारी करके टेंडर को निरस्त कर दिया जाएगा।

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मरीजों को दी जाने वाली क्लेजी कैल्शियम गोली की आपूर्ति ‘ जी ” दवा कंपनी कर रही है। इससे टेंडर के तहत दो वर्ष के लिए इस कंपनी से दवा का अनुबंध हुआ है। कंपनी ने अभी तक करीब पांच लाख गोलियों की आपूर्ति कर चुकी है आैर ज्यादातर टेबलेट बंट भी गयी है। मंगलवार रात केजीएमयू डॉक्टर्स ग्रुप पर इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर ने घटिया स्तर की कैल्शियम गोली होने का आरोप लगाते हुए टेबलेट की फोटो समेत वायरल कर दिया। इसके बाद ग्रुप में ही केजीएमयू प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। इस डॉक्टर का खुलेआम आरोप लगाया कि मरीजों के दी जा रही दवा की गुणवत्ता इतनी खराब है कि मरीजों पर कोई असरकारक नही है। इतना ही नहीं दवा को प्राथमिक तौर पर परखने पर खड़िया होना लगता है। ग्रुप में ही कुछ डाक्टरों ने इसकी शिकायत लिखित देने के लिए कहा। तब तक अधिकारियों ने डॉक्टर को तलब करके लिखित में शिकायत मांग ली है।

अधिकारियों का कहना है मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं। डाक्टर द्वारा बतायी गयी टेबलेट के बैच नंबर किया जाएगा आैर बैच की दवा की जांच भी करायी जा रही है। इस तरह के आरोपों को चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय कुमार ने गलत बताते हुए कहा कि दवाओं की गुणवत्ता से केजीएमयू किसी प्रकार का समझौता नहीं करता है। सौ व पचास करोड़ टर्न ओवर करने वाली कम्पनी को दवा का टेंडर दिया जाता है। इससे पहले आपूर्ति की गयी दवा की जांच प्रयोगशाला में करायी जाती है। इसके बाद ही अग्रिम आर्डर दिया जाता है। इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉक्टर से लिखित शिकायत लेने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर दवा की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली तो कंपनी को नोटिस जारी करके अनुबंध को निरस्त किया जाएगा।

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