लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मैन पॉवर की कमी से संचालित नहीं हो पा रहे वेंटिलेटर को चलाने की कवायद शुरु हो गयी है। शासन से मैन पॉवर की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद संविदा पर भर्ती करके वेंटिलेटर संचालित किया जा सकता है। केजीएमयू में लगातार वेंटिलेटर पर मरीज भर्ती की वेंटिग बनी रहती है। ट्रामा सेंटर के क्रिटकल केयर यूनिट, आरआईसीयू यूनिट, मेडिसिन विभाग के वेंटिलेटरों पर मरीजों की वेंटिग ही बनी रहती है। उन्होंने बताया कि लगातार मरीज वेंटिलेटर के लिए गंभीर हालत में आस-पास जनपदों से भी आते है। इसके अलावा काफी संख्या में वेंटिलेंटर डिब्बों में बंद है आैर संचालित नहीं हो पा रहे है।
बताया जाता है कि इनकी संख्या लगभग 49 है। इनके संचालन के लिए केजीएमयू प्रशासन ने प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती करने के लिए शासन से पदों को स्वीकृति करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। बताया जाता है कि अभी तक शासन ने इन पदों पर भर्ती के लिए कोई हरी झंडी नहीं दी है। ऐसे में केजीएमयू प्रशासन ने आज बैठक करके वेंटिलेटर की जानकारी एक बार फिर मांगी है। ट्रामा सेंटर से भी संचालित नहीं हो पा रहे वेंटिलेटर की जानकारी मांगी गयी है। बैठक में चर्चा की गयी है कि शासन से पद स्वीकृति पद न होने की स्थिति में संविदा पर भर्ती करने की चर्चा की गयी है।
बताया जाता है कि वेंंिटलेटर संचालन के लिए प्रशिक्षित टीम की काम कर सकती है। संविदा पर प्रशिक्षित लोग कहां से लिया जाए आैर कितने लोग तैनात किये जाए। इस पर काम किया जाने लगा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार का कहना है कि कुलपति प्रो. एमएलबी भी भट्ट जल्द ही बंद वेंटिलेटर का संचालन कराने की कोशिश कर रहे है।
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