लखनऊ। बढ़ते बच्चों को कैल्शियम सप्लीमेंट के बजाय अगर आधे घंटे धूप का सेवन करा दिया जाए, तो कैल्शियम की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह जानकारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एनाटॉमी विभाग विभागाध्यक्ष प्रो. नफीस अहमद फारूकी ने दास एवं हलीम व्याख्यान में दिया। यह व्याख्यान किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित सेल्बी हॉल में एनाटॉमी विभाग के 107 वें स्थापना दिवस समारोह में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि केजीएमयू कुलपति प्रो. एम.एल.बी भट्ट, थे।
व्याख्यान में प्रो. फारुकी ने कहा कि शरीर में कैल्शियम व डी3 की कमी बता कर इसका सप्लीमेंट खिलाया जाता है। जब कि इसका कोई खास असर नही होता है। अगर मात्र आधा घंटा धूप में ही बैठा जाए तो इसकी कमी दूर हो सकती है। उन्होंने बताया कि गर्मी में सीधे धूप में नहीं बैठा जा सकता है। खानपान यानी फल, अनाज के सेवन से भी कैल्शियम की कमी दूर होती है। उन्होंने कहा कि विदेशों के स्कू लों के कैरीकुलम में शामिल है कि बच्चे स्कूलों में पढाई के साथ मैदान में आधा घंटा धूप में खेलेंगे।
समारोह में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि विभाग मेें विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का संचालन हो रहा है। विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा एक वर्ष में 26 पेपर प्रकाशित किया गया है, जो कि सराहनीय है। केजीएमयू को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा पॉचवा वां स्थान प्रदान किया गया है, जबकि शिक्षण एवं प्रशिक्षण की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त है।
कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष एनाटॉमी प्रो. नवनीत कुमार ने विभाग की वार्षिक प्रगति आख्या प्रस्तुत किया गया। प्रो. कुमार ने बताया कि विभाग में पीपीटी, इंटरैक्टिव बोर्ड, प्रोजेक्टर, हिस्टोलॉजी स्लाइड, इंटरनेट एवं सफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को अत्याधुनिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। विभाग में अब तक कुल 2640 बॉडी डोनेशन रजिस्ट्रेशन हुए जबकि वर्तमान वर्ष में अब तक 155 बॉडी डोनेशन रजिस्ट्रेशन हो चुके है।
बॉडी डोनेशन अब तक 261, जबकी इस वर्ष 34 हुए है। विभाग द्वारा भविष्य में एन्थ्रोपोलोजी लैब का पुनरूत्थान, टेरैटोलॉजी लैब की स्थापना, न्यूरोएनाटॉमी लैब की स्थापना, कैडवेरिक लैब का अत्याधुनिकरण तथा साइटोेजेनिटिक लैब को और अत्याधुनिक करने का प्रस्ताव है।
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