वर्ष 2020 से घरेलू पेंट में कम होगा लेड

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लखनऊ । उत्तरी आयरलैंड यूनाइटेड किंगडम के सहयोग से ब्लड में लेड की जांच का राष्ट्रीय रेफरल सेंटर एरा विश्वविद्यालय में शुरू किया गया। सेंटर का उद्घाटन किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने किया। उद्घाटन समारोह में लेड की जांच में महत्वपूर्ण व्यक्ति कहे जाने वाले थुप्पिल वेंकटेंस के अलावा एम्स जोधपुर के प्रो. प्रवीन शर्मा के साथ एरा विश्वविद्यालय के कु लपति प्रो. अब्बास अली मेहदीं भी मौजूद थे। समारोह में केजीएमयू व एरा विश्वविद्यालय के बीच समझौता भी हस्ताक्षर कि या गया।

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उद्घाटन करते हुए केजीएमयू कुलपति प्रो. भट्ट ने कहा कि लेड से शरीर पर होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी के लिए शोध कि ये जाने की जरुरत है। एरा के कु लपति प्रो. अब्बास अली मेंहदी ने कहा कि लेड का प्रयोग कास्मेटिक सामान में काफी मात्रा में हो रहा है। इसके शरीर पर दुष्परिणाम होते है। इसके लिए सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के साथ समझौते से दोनों विश्वविद्यालयों के बीच अनुसंधान, प्रशिक्षण, शिक्षण का आदान प्रदान करना है।

भारत के लेड मैन कहे जाने वाले प्रो. थुप्पिल वेंकटेश ने लेड का मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। प्रो. प्रवीण शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के नियमों का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें घरेलू प्रयोग किये जाने वाले पेंटों में लेड की मात्रा वर्ष 2020 तक कम हो जाएगी। समारोह में नयी दिल्ली की सुश्री प्रोमिला शर्मा मलिक भी मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन सिद्धार्थ चंडेल ने किया।

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