लखनऊ – घुटना प्रत्यारोपण लम्बे समय से होता आ रहा है, मगर सर्जरी के दौरान कई तकनीक और सावधानियां हैं, जिन्हें उपचारित कर मरीजों को अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम दिये जा सकते हैं। यह जानकारी हेल्थ सिटी के डॉ.संदीप कपूर व डॉ.संदीप गर्ग ने शुक्रवार को प्रस्तावित घुटना प्रत्यारोपण पर आयोजित 4 वां प्रो.यू एस मिश्रा मेमोरियल कार्यशाला में दी। उन्होंने कहा कि इंप्लांट की कीमतों में कमी दिलाने से, प्रत्यारोपण कराने वालों की संख्या भी बढ़ रही है, समय के साथ ही प्रत्यारोपण के बाद प्राप्त परिणाम में मरीजों की अपेक्षाएं बढ़ चुकी हैं। इसके लिए एट्यून इंप्लांट तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लोगों के घुटनों में दिक्कत शुरू हो जाती है, फिर भी इस पर ध्यान नहीं देते है। इधर- उधर का इलाज करके बल्कि घुटनों के बर्बाद होने का इंतजार करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि अगर मरीज सही समय पर विशेषज्ञ डाक्टर के पास चला जाए तो कम खर्च आैर उच्चस्तरीय इलाज में कम सर्जरी होती है। उन्होंने कहा कि आस्टियोआर्थराइटिस के युवा मरीजों लगातार बढ़ रहे है।
डॉ.संदीप गर्ग ने बताया कि सीढ़ी चढ़ने उतरने में दिक्कत होने पर इन मरीजों को पटेलो फिब्रारल रिप्लेसमेंट किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि शुुक्रवार को कार्यशाला में लाइव सर्जरी के दौरान डाक्टरो; को प्रत्यारोपण के दौरान सावधानियों की जानकारी दी जाएगी।
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