लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रैगिंग की जांच में सीनियर मेडिकोज पर बिजली गिर सकती है। जांच समिति की जांच तेज होने के साथ ही सीनियर मेडिकोज भी सक्रिय हो गये है आैर जूनियर से मैसेज, वीडियो कॉल का डिलीट करने की जुगत लगाने लगे है। हालांकि रैगिंग की जांच के लिए बनी कमेटी की बैठक आज कार्यपरिषद की बैठक होने के कारण निरस्त कर दी गयी।
यूजीसी में शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कुछ सीनियर मेडिकोज पर कार्रवाई करते हुए निलम्बित कर दिया था आैर प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी। इसी के साथ ही रैगिंग के लिए गठित टीम ने नये बैच के मेडिकोज के मोबाइल जब्त किया तो उनमें सीनियर मेडिकोज के मोबाइल नम्बर मिले थे। जो कि मैसेज व वीडियो कालिंग करके रैगिंग करने का दिशा- निर्देश देते थे। इसके बाद जांच के लिए केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी बना दी। यूजीसी में शिकायत के बाद मिले निर्देश पर केजीएमयू प्रशासन पहले से परेशान है।
उसने रैगिंग करने वाले सीनियर मेडिकोज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। उधर बुधवार को डेंटल यूनिट में सीनियर गल्र्स मेडिकोज की भी रैगिंग की शिकायत मिलने पर केजीएमयू अधिकारियों के होश फाख्ता है। बताया जाता है कि जांच समिति बना कर सीधे कार्रवाई की तैयारी हो गयी हंै। उधर सीनियर मेडिकोज ने भी बचने का उपाय तलाशना शुरू कर दिया है। सीनियर मेडिकोज ने नये बैच के मेडिकोज किसी तरह लगातार मैसेज भेज कर यह निर्देश दिये जा रहे है कि जो भी मैसेज या वीडियो कॉलिंग है। उसे जल्द डिलीट कर दिया जाए। उधर केजीएमयू प्रशासन इन्हीं मैसेज व वीडियो कालिंग को कार्रवाई करने का आधार बनाना चाहता है।
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