लखनऊ। सरकारी अस्पताल ही नहीं सभी प्रकार के अस्पतालों में प्रबंधन विभाग का होना चाहिए । इसके लिए अस्पताल में प्रबंधन का काम देखने वाले के पास अस्पताल प्रबंधन की भी योग्यता होनी चाहिए। इससे अस्पताल का प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सकेगा। यह जानकारी कंवेंशन सेंटर में आयोजित हेल्थ एक्सप्रो में पीजीआई के अस्पताल प्रबंधन के प्रमुख प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने दी।
उन्होंने बताया कि आज के दौर में प्रशासन पदों का महत्व बढ़ता जा रहा है, इसके लिए चिकित्सा संस्थानों द्वारा कई कोर्सो का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधक के पद पर एक डॉक्टर की तैनाती होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि एक अस्पताल की आवश्यकताओं, उसकी कमियों व उसके उदेश्यों को एक डॉक्टर बेहतर समझता है। इसलिए अगर एक डॉक्टर अस्पताल प्रबंधन के कोर्स के बाद अस्पताल का प्रबंधन सभांलता है। तो बेहतर रहता है।
प्रो. हर्षवर्धन ने बताया कि पीजीआई में वर्तमान समय में तीन प्रकार के अस्पताल प्रबंधन के कोर्सो का संचालन हो रहा
है, जिसमें एक दो साल की डिग्री कोर्स, एक एक साल का डिग्री कोर्स और एक छह माह का डिप्लोमा कोर्स शामिल है। पीजीआई के हेल्थ केयर इन वेस्ट मैनजेमेंट का एक वर्ष का डिग्री कोर्स शुरू करने जा रहा है, जो वर्ष 2019 के जनवरी माह से शुरू होने की उम्मीद है, ऐसे में एक कुशल डॉक्टर ही अस्पताल प्रबंधन का प्रशिक्षण लेने के बाद एक कुशन अस्पताल प्रबंधक बन सकता है।
इस अवसर पर मौजूद अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि डॉक्टरों व स्टॉफ के साथ अन्य कई चीजों की आवश्यकता होती है। ऐसे में उस अस्पताल के लिए इलाज का खर्च एक बड़ा मुद्दा है। इलाज का खर्च जहां मरीजों को प्रभावित करता है , वहीं अस्पताल प्रबंधन के लिए भी एक बड़ा मुद्दा है। अच्छा इलाज अच्छे संसाधनों से ही संभव है।
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