लखनऊ। लोहिया अस्पताल की महिला डॉक्टरों की लापरवाही से सिजेरिन ऑपरेशन बाद छोटी तौलियां गर्भाशय में छूट गई। महिला डिस्चार्ज होकर घर चल गई। गर्भाशय में तौलियां पड़ी रह जाने से उसे अक्सर रूक-रूककर दर्द उठता था। करीब डेढ़ माह बाद गर्भाशय में छूटी तौलियां पेशाब के रास्ते से सोमवार सुबह लटक आई। महिला ने उसे किसी तरह से बाहर निकाला। तीमारदार उसे लोहिया अस्पताल की डॉक्टर को दिखाया। यह देखकर डॉक्टर हैरान रह गई। जांच पड़ताल बाद उसे दोबारा भर्ती कर लिया गया।
बाराबंकी के मुबारकपुर गदिया के रहने वाले धीरेंद्र की पत्नी संगीता (24) को बीते 7 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने पर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने पहले नार्मल डिलवरी कराने की कोशिश की मगर कामयाब नहीं हुए। इसके बाद प्रसूता को ओटी में ले जाकर सिजेरियन ऑपेरशन जरिए प्रसव कराया। ऑपरेशन दौरान डॉक्टर व ओटी स्टॉफ की लापरवाही से महिला के गर्भाशय में छोटी तौलियां छूट गई। महिला को तीन-चार तक भर्ती रहने बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला संगीता का कहना है कि ऑपरेशन बाद से अक्सर रूक-रूककर पेट-पेशाब के रास्ते में दर्द उठता था। नजदीकी डॉक्टर को दिखाया तो उसने ऑपरेशन का दर्द होने की बात कहकर दवा थमाकर चलता कर दिया।
सोमवार तड़के महिला शौच के लिए गई तो पेशाब के रास्ते से तौलियां लटक आई। महिला ने किसी तरह से उसे बाहर निकाला। महिला ने पेशाब के रास्ते निकली तौलियां को अपने पति को दिखाया। सोमवार दोपहर महिला पति संग लोहिया अस्पताल की ओपीडी में संबंधित डॉक्टर नीलम अहिरवार पास जाकर तौलियां दिखाया। डॉक्टर गर्भाशय में छूटी तौलियां देखकर हैरान रह गई। डॉक्टर ने आनन फानन में अल्ट्रासाउंड समेत तमाम जांचें कराकर उसे भर्ती कर लिया। उसके पेट में संक्रमण फैल गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है, उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
लापरवाही छिपाने के लिए दिया प्राइवेट वार्ड
डॉक्टर-ओटी स्टॉफ की घोर लापरवाही से गर्भाशय में छूटी तौलियां के मामले को दबाने में अफसर भी जुट गए। ऑपरेशन करने वाली टीम में एक लोहिया अस्पताल अफसर की पत्नी भी शामिल थी। लिहाजा मामले को दबाने के लिए अफसरों ने उसे वार्ड में रखने की बजाय प्राइवेट वार्ड में भर्ती रखा है।
ओटी सिस्टर इंचार्ज व डॉक्टर की चूक से छूटी तौलियां
ऑपरेशन दौरान ओटी सिस्टर इंचार्ज की यह जिम्मेदारी होती है कि ऑपरेशन में जितने भी सामन लगाए जाते हैं। पेट सिलने से पहले उतने ही सामानों की गिनती होती है। डॉक्टर पेट सिलने से पहले सामान की गिनती कराते हैं। जिसमें ओटी सिस्टर व स्टॉफ के सामान की गणना बाद ही पेट को सिला जाता है।
क्वीनमेरी अस्पताल में छूट गया था रूई
क्वीन मेरी अस्पताल में करीब आठ साल पहले सिजेरियन ऑपरेशन दौरान एक महिला के पेट में रूई का बंडल छूट गया था। इस दौरान महिला के पेट में संक्रमण हो गया था। अल्ट्रासाउंड जांच में महिला के पेट में रूई छूटने की बात सामने आई। डॉक्टरों ने दोबारा ऑपरेशन करके महिला के पेट से रूई निकाली।
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