ब्रेन हेमरेज के मरीजों की भर्ती टेढ़ी खीर

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में ब्रेन हैमरेज मरीजों को भर्ती अचानक रोक दी गयी है। इमरजेंसी में मरीजों की जांच कराकर भर्ती नहीं की जा रही है। विभागों की परिक्रमा के बाद तीमारदार मरीज को निजी अस्पताल ले जाने के लिए बेबश हैं। बृहस्पतिवार को ब्रोन हैमरेज के लगभग छह मरीज भर्ती नहीं किये गये। उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग दौड़ाते रहे। परेशान तीमारदार मरीज को लेकर चले गये।

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यहां पर ठाकुरगंज बाबा हजारी बाग निवासी सदीकुल निशां (60) को बृहस्पतिवार सुबह ब्रोन हैमरेज होने पर तीमारदार उन्हें लेकर सुबह करीब 10 बजे ट्रॉमा सेंटर ले कर पहुंचे। यहां पर कैजुल्टी में सीटी स्कैन समेत अन्य जांच कराने के बाद डॉक्टरों ने जांच रिपोर्ट देखकर पहले मेडिसिन विभाग भेजा। जहां से वापस करने पर न्यूरो सर्जरी व न्यूरो लॉजी विभाग भेजा गया। तीनों विभागों की परिक्रमा करने के बाद भी मरीज भर्ती नहीं हुई। दोपहर करीब तीन बजे तीमारदार मरीज को लेकर निजी अस्पताल वापस चले गए।

इसी तरह रामप्रकाश (70) को फालिश का अटैक पड़ा था। कैजुल्टी में जांच पड़ताल बाद तीनों विभाग के चक्कर लगाए मगर भर्ती नही हुई। चार घंटे तक कैजुुल्टी के बरामदे में पड़े रहे। वहीं पारा पिंक सिटी ओमप्रकाश (70) को ब्रोन हैमरेज का अटैक पड़ने पर तीमारदारों ने बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया। सुबह उनकी हालत बिगड़ने पर ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। वहां जांच-पड़ताल बाद मरीज इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के बाहर गेट पर स्ट्रेचर पर तड़प रहा था। मामले की शिकायत चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा से की गयी तो उन्होंने पीआरओ को भेजकर संबंधित विभाग में भर्ती कराने के आदेश दिए थे। जब कि अन्य मरीजों की पहुंच न होने पर उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

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