लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के कर्मचारी एम्स के समान भत्तों पर रोक से नाराज होकर चार से 6 जनवरी तक कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं। कर्मचारियों के कार्यबहिष्कार को लेकर पीजीआई प्रशासन में हडकम्प मच गया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं निदेशक एसजीपीजीआई ने एसजीपीजीआई संस्थान के कर्मचारियों से अपील किया है कि जनहित तथा संस्थान के हित में आगामी चार जनवरी से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार न करें।
डा. दुबे ने कहा है कि संस्थान के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार एवं एम्स के बराबर भत्ते एवं अन्य सुविधाओं को जारी रखने हेतु मुद्दों के समाधान के लिये शासन गम्भीर है। इसके साथ ही कर्मियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पूरी निष्ठा से संस्थान की सेवा में कार्य करें। पीजीआई निदेशक डा. राकेश कपूर ने भी कर्मचारियों से कार्यबहिष्कार न करने की अपील की है। उधर कार्यबहिष्कार में अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
कर्मचारियों के कार्यबहिष्कार की जानकारी मिलते ही पीजीआई निदेशक सहित , सीएमएस प्रो.अमित अग्रवाल, इंचार्ज ओपीडी प्रो. सुशील गुप्ता, प्रो. प्रशांत अग्रवाल एवं अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो.राजेश हर्ष वर्धन कर्मचारियों ने शाम को चार बजे के आस-पास संस्थान के सभी कर्मचारियों को श्रुति आडीटोरियम में बुलाकर कर बताया कि वह शासन से लौट कर ही आए । भत्ते मिलने पर कोई अड़चन नहीं लेकिन आदेश जारी होने में समय लगेगा। आफीसर फोरम ने भी कर्मचारियों को समर्थन दिया है। फोरम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह ने कहा कि मांग बिल्कुल जायज है।
इस बीच कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए भारी संख्या पुलिस बल देर रात तक अस्पताल परिसर में तैनात कर दी गयी है। निर्देश दिया है कि किसी भी कर्मचारी को काम करने से रोकने वाले को तुरंत हिरासत में लेकर एक्शन लिया जाए। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हम लोग 6 महीने से लगातार पत्र लिख कर रहे हैं। ज्ञापन दे रहे है, लेकिन शासन-प्रशासन सोया रहा अब जब कर्मचारी आंदोलन को तैयार है तो और समय मांग रहे है जो संभव नहीं है। सात जनवरी से पूरी तरह हड़ताल पर चले जाएंगे।
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