लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर पर अव्यवस्था रूकने का नाम नही ले रही है। यहां पर मरीजों को अब स्ट्रेचर तक नही मिल पा रहा है। आलम यह है कि शव तक बाहर ले जाने के लिए घंटों स्ट्रेचर नही मिल पा रहा है तो कोई मरीज गोद में उठाकर जांच या वार्ड पहुंचने में लगा रहता है। बृहस्पतिवार दोपहर कुछ एम्बुलेंस एक बुजुर्ग महिला मरीज को लेकर आए थे। काफी देर तक गेट पर स्ट्रेचर तलाशा। स्ट्रेचर न मिलने पर मरीज को गोद में उठाकर अंदर ले गए। जहां डॉक्टरों ने परीक्षण करके मृत घोषित कर दिया। आलम यह था कि तीमारदारों को स्ट्रेचर शव बाहर लाने के लिए भी नही मिला। मजबूरी में गोद में शव उठाकर कैजुल्टी से बाहर निकले। यह तो संवेदनशील बानगी थी। यहां पर तो गंभीर मरीजों को स्ट्रेचर न मिलने पर उन्हें गोद में उठाकर भटकते दिखे।
चौक निवासी महिला मरीज को 80 पैरालिसिस का अटैक पड़ा था। तीमारदार उन्हें लेकर आनन फानन में ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। जल्दी अंदर ले जाने के लिए गेट पर कोई स्ट्रेचर नही था। यहां पर मिलने पर उन्हें गोद में उठाकर ले गए। इसी तरह तमाम तीमारदार मरीज बच्चों को गोद में उठाकर कैजुल्टी वार्ड में ले जाते रहे थे। ़केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि 250 स्ट्रेचर उपलब्ध है। उनका कहना है कि तीमारदार स्ट्रेचर को जहां जाते है वहां पर ही छोड़ कर चले आते है। मरीज के आने पर तीमारदार स्ट्रेचर के लिए गेट से लेकर वार्ड तक चक्कर लगाते रहते हैं। अति गंभीर मरीज को देख तीमारदार गोद में उठाकर कैजुल्टी में पहुंच जाते हैं।
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि स्ट्रेचर नहीं मिला। यह देखना होगा। केजीएमयू ट्रॉमा गेट पर ही स्ट्रेचर लाइन से लगी रहती है। स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है। होता यह है कि तीमारदार जल्दबाजी में खुद ही स्ट्रेचर बगैर मरीज को गोद में उठाकर अंदर पहुंच जाते हैं।
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