लखनऊ। मरीज की थम चुकी सांसों को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर के डाक्टरों ने 45 तक लगातार कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) देकर सांसे लौटा दी। इसके बाद वेंटिलेटर पर भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। दरअसल ब्रोन हैमरेज अटैक होने पर तीमारदार मरीज को लेकर गोमती नगर के लोहिया अस्पताल पहुंचे थे। यहां पर इमरजेंसी में डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
मरीज को ट्रॉमा लाते वक्त रास्ते में ही मरीज की सांसे थम गई थी। ट्रॉमा में डॉक्टरों ने मरीज की पल्स-बीपी चेक किया तो वह नदारद थी। कैजुल्टी डॉक्टरों ने मरीज की सांसें लौटाने के लिए कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) शुरू किया। करीब पौन घंटे तक मरीज पर सीपीआर किया गया। जिसके बाद मरीज की सांसें वापस लौट आई। आनन फानन में जांच बाद मरीज को मेडिसिन विभाग में शि ट कराकर उसे वेंटीलेटर स्पोर्ट पर रखा गया है।
हुआ यू कि गोमतीनगर के रहने वाले संतोष (42) बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे अचानक ब्रोन हैमरेज का अटैक पड़ने से गिर गए। तीमारदारों ने आनन फानन में उन्हें लेकर गोमती नगर के लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी ले गए। वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए एंबुलेंस से ट्रॉमा रेफर कर दिया। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर जब तक पहुंचते मरीज की पल्स-बीपी गायब हो चुकी थी। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज लगभग ब्रााड डेड की अवस्था में आया था। कैजुल्टी में मौजूद डाक्टरों ने आनन फानन में बीपी-पल्स चेक करने संग ईसीजी कराया।
सभी कुछ ठीक नही था। डॉक्टरों ने तत्काल सांसें वापस लौटाने के लिए सीपीआर शुरू किया। कैजुल्टी प्रभारी डॉ. धीरेंद्र, रेजीडेंट की टीम ने मरीज का सीपीआर शुरू किया। करीब पौने घंटे तक मरीज को सीपीआर करते रहे तो मरीज सांसें वापस लौट आई। डॉक्टरों ने मरीज का सीटी स्कैन कराया। जिसमें ब्रोन हैमरेज होने की पुष्टि हुई। मरीज को मेडिसिन विभाग के वेंटीलेटर स्पोर्ट पर रखा गया। जहां उसकी हालत नाजुक बनी है।
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