लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयुष्मान कार्ड मरीज के पास होने के बाद भी उससे सर्जरी का शुल्क ही दवाएं भी बाहर से मंगायी जा रही है। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीज से डेढ़ लाख रुपये खर्च करा लिए गये। अब पिता दर्द से कराहते मरीज बेटे बृजेश को लेकर भटक रहे हैं। उसकी रेडियोथेरेपी नहीं हो पा रही है। बेबस पिता केजीएमयू अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। जब कि आज ही केजीएमयू प्रशासन ने आयुष्मान योजना में किसी मरीज को किसी प्रकार न होने की नसीहत बैठक में दी है। बांदा निवासी राम औतार के बेटे बृजेश कुमार (35) को सिर दर्द की परेशानी लेकर केजीएमयू आए थे।
उनके बेटे को स्थानीय स्तर पर डाक्टरों से इलाज के बाद भी कोई फायदा न मिलने पर डाक्टरों ने केजीएमयू रेफर कर दिया था। यहां पर न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने मरीज को देखा आैर ब्लड व अन्य जांचें करायी गयी। जांच रिपोर्ट में दिमाग में ट्यूमर का पता चलने पर डॉक्टरों ने सर्जरी करने की सलाह दी। परिजनों के अनुसार 23 फरवरी को सर्जरी की गयी। पिता राम औतार ने बताया कि सर्जरी से पहले डॉक्टरों को बीपीएल कार्ड दिखाया। कागजी कार्रवाई पूरी की गयी। उन्होंने बताया कि मुख्य पीआरओ दफ्तर के दस्तावेज जमा भी जमाये कराये गये।
आयुष्मान का कार्ड भी दिखाया आैर फोटो कापी भी जमा करायी गयी। इसके बावजूद मुफ्त इलाज नहीं मिला। ऑपरेशन व इलाज पर डेढ़ लाख रुपये खर्च हुआ। मरीज की छुट्टी के बाद डॉक्टरों ने रेडियोथेरेपी कराने की सलाह दी गयी है। पिता राम औतार दर्द से कराहते बेटे बृजेश को लेकर भटक रहे हैं। उसकी रेडियोथेरेपी नहीं हो पा रही है। बेबस पिता केजीएमयू अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
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