लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कर्मचारियों एवं रेजीडेंट डाक्टर्स के बीच एक बार विवाद बनता जा रहा है। पार्किंग प्लेस को लेकर शुरु हुए इस विवाद को लेकर कर्मचारी परिषद ने चीफ प्राक्टर से शिकायत की है। शिकायत के आधार पर चीफ प्राक्टर ने आज जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।
केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा बनायी पार्किं ग व्यवस्था पर लगातार आरोप – प्रत्यारोप लगते आ रहे है। रेजीडेंट डाक्टरों को हास्टल में वाहन छोड़ कर केजीएमयू परिसर में आने के लिए कहा गया था। इस पर वह काफी नाराज थे। उनका कहना था गर्मी, बरसात आदि खराब मौसम में आने में दिक्कत होगी। परन्तु पार्किंग व्यवस्था प्रभारी डा. कीर्ति ने समस्या का निदान नहीं किया था। यही हाल कर्मचारियों का भी था। उनके वाहनों पर स्टीकर लगा दिया गया। इस बीच रेजीडेंट डाक्टरों ने कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष को पार्किग प्लेस दिये जाने का विरोध किया।
इसके बाद सोशल मीडिया पर कर्मचारी पदाधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की जाने लगी। इसकी शिकायत कर्मचारी अध्यक्ष विकास सिंह ने चीफ प्राक्टर से शिकायत की। इस मामले की जांच के लिए चीफ प्राक्टर प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा ने कर्मचारियों पर रेजीडेंटों की ओर से की गई अभद्र टिप्पणी की जांच के लिए प्रो. यूपी मिश्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में प्रोफेसर बीके ओझा, प्रोफेसर आरके चक, प्रो. कीर्ति श्रीवास्तव एवं प्रो. अनूप कुमार वर्मा को शामिल किया गया है। कमेटी को जल्द से जल्द आख्या देने को कहा गया है।
उधर केजीएमयू के रेजीडेंटों की मानें तो शताब्दी अस्पताल में बनी रिजर्व पार्किंग में दो संविदाकर्मियों को भी रिजर्व पार्किंग दे दी गई है। ये दोनों रिसर्च स्कीम में कार्यरत हैं। रेजीडेंटों ने इसकी भी अलग से शिकायत की है। चीफ प्राक्टर प्रो. आरएस कुशवाहा ने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। पार्किंग की व्यवस्था को चाक चौंबद बनाने के लिए केजीएमयू प्रशासन लगा हुआ है। कर्मचारियों और रेजीडेंटों के बीच किसी तरह का तनाव नहीं है आैर जो भी बात ह,ै बैठक कर बात करके निदान किया जाएगा।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.