लखनऊ। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग एवं स्वयंसेवी संस्था तम्बाकू मुक्त अभियान के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर डॉ. संयुक्ता भाटिया ने तम्बाकू से होने वाली खतरनाक बीमारियों विशेष तौर पर कैंसर से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि तम्बाकू के के प्रयोग के प्रति आमजन को जागरूक किए जाने की विशेष आवश्यकता है, जिसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ ही विभिन्न समाजसेवी संगठन एवं अन्य संस्थाओं द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में युवा वर्ग खासकर छात्र-छात्राओं का सहयोग यदि प्राप्त हो जाए ,तो निश्चित तौर पर इस रोकने में सफलता मिलेगी।
महापौर ने कहा तम्बाकू मुक्त लखनऊ बनाने के लिए राज्य सरकार से साथ ही लखनऊ नगर निगम हर संभव सहयोग को तैयार है। इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि यदि अपने शहर, अपने प्रदेश को तम्बाकू मुक्त करना है तो उसकी शुरूआत सर्वप्रथम अपने घर से ही करनी होगी, इसलिए सबसे पहले वह केजीएमयू को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगें। उन्होंने कहा कि विश्व में 60 लाख लोग एवं भारत में 10 लाख लोग परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से तम्बाकू की वजह से मौत के मुंह में समा जाते हैं।
कार्यक्रम में रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत ने कहा कि भारत ही एक मात्र ऐसा देश जहां तम्बाकू का विभिन्न रूपों में सेवन किया जाता है। उन्होंने बताया कि कैंसर के मूल कारणों में तम्बाकू एक बड़ा कारक है। उन्होंने बताया कि 40 प्रकार के कैंसर और 25 प्रकार की विभिन्न बीमारियों का मुख्य कारण तम्बाकू का सेवन है। इसके साथ ही आज के परिवेश में ई-सिगरेट के प्रचलन पर उन्होंने प्रहार करते हुए कहा कि निकोटिन का मुख्य कारक तम्बाकू है, लेकिन ई-सिगरेट को लेकर आमजन में जो यह भ्रांति है कि इससे तम्बाकू की लत से निजात मिलती है और यह स्वास्थ्य के लिए कम नुकसानदेह है, जबकि इसके उलट ई-सिगरेट स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है।
प्रो. सूर्यकांत ने कहा कि तम्बाकू से करीब 2.50 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है, यह भी एक वजह है कि इसको प्रतिबंधित नहीं किया जा रहा है लेकिन तम्बाकू से जितना राजस्व सरकार को मिलता है उससे कहीं ज्यादा तम्बाकू जन्य बीमारियों पर खर्च करना पड़ता है।
विनोबा सेवाश्रम के संस्थापक रमेश ने बताया कि तम्बाकू की लत सबसे बुरी लतों में से एक है, जिसके चंगुल में हर रोज 5500 युवा फंस कैंसर के खतरे को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा तम्बाकू की रोकथाम के लिए तम्बाकू मुक्त लखनऊ अभियान, वेंडर लाइसेंसिंग पॉलिसी को लेकर नगर निगम के सहयोग से कार्य कर रहा है, तो वहीं युवाओं को बचाने और तम्बाकू के व्यसन की तरफ बढ़ने से केजीएमयू के सहयोग से उनको रोकने का कार्य कर रहा है। कार्यक्रम का सफल संचालन विक्रम मिश्रा ने किया। इसके साथ ही कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन आभा भारद्वाज द्वारा किया गया। इस अवसर पर डीन, फैकेल्टी ऑफ नर्सिंग डॉ. मधुमति गोयल ने केजीएमयू के विद्यार्थी तम्बाकू के खिलाफ इस जंग में हर मोर्चे पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नर्सिंग के छात्र-छात्राएं नुक्कड़ नाटक एवं विभिन्न विधियों के माध्यम से आमजन को जागरूक करने के लिए हरसंभव सहयोग को तैयार हैं। इस अवसर पर फिजियोलॉजी विभाग के प्राचार्य डॉ. नरसिंह वर्मा, तम्बाकू मुक्त लखनऊ अभियान की तरफ, अभिषेक तिवारी, मुमताज अली, शिवाकांत, दिव्या सक्सेना, जेपी शर्मा सहित अन्य डाक्टर एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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