लखनऊ। पीजीआई का कार्डियोलॉजी विभाग शुक्रवार से तीन दिवसीय सातवीं इण्डो जापान क्रॉनिक टोटल क्लूजन क्लब (सीटीओ) कांफ्रेंस आयोजित कर रहा है। इसमें हार्ट की बीमारी क्रॉनिक टोटल क्लूजन (सीटीओ) के मरीजों की सर्जरी का लाइव प्रदर्शन होगा। कांफ्रेंस में देश-विदेश के 500 इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट शामिल हो रहे हैं। यह सभी कार्डियक की विशेषज्ञ तकनीकि से जुड़े पहलुओं पर अपने अनुभव साझा करेंगे। दिल की बीमारी क्रॉनिक टोटल क्लूजन (सीटीओ) के मरीजों की सर्जरी का लाइव प्रदर्शन होगा। शुक्रवार को कांफ्रेंस का उदघाटन राज्यपाल राम नाईक करेंगे।
बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता में पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. पीके गोयल, प्रो. सत्येन्द्र तिवारी और प्रो. सुदीप कुमार ने दी। डा. गोयल ने कहा कि तीन माह या इससे अधिक समय से दिल की पूरी नसें ब्लॉक होने पर एंजियोप्लास्टी संभव नही है। ऐसी स्थिति में पूर्व में सीने में चीरा लगाकर बाईपास सर्जरी की जाती थी, जिसमें जोखिम अधिक था। इंटरवेंशनल तकनीक आने से इसका इलाज आसान हो गया है। पीजीआई इस तकनीकि का इस्तेमाल कर रहा है। यह तकनीकि जापान में सबसे ज्यादा प्रयोग होती है। यही वजह है कि वर्ष 2013 में इंडो जापानी सीटीओ क्लब बनाया गया। जिसमें भारत के चार तथा जापान के छह डॉक्टर हैं।
संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप कुमार के मुताबिक आप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी( असीटी) और इंट्रा वेस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए स्टंट लगाने के दौरान देख लेते है कि स्टंट की सही जगह पर सही फैलाव में लगा कि नहीं यदि नहीं लगा है तो अधिक प्रेशर तक स्टंट की पोजिसनिंग ठीक की जाती है। सही पोजिसनिंग होने पर रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है। यह तकनीक हम लोगों संस्थान में स्थापित कर ली है। प्रो.सुदीप के मुताबिक इंटरवेंशन तकनीक एंजियोप्लास्टी स्थापित होने के बाद हृदय रोग से ग्रस्त मरीजों की जिंदगी बढी है। यह तकनीक काफी सेफ भी है।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.