लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीज भर्ती में एक और गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। खुलासे में पता चला है कि कम्प्यूटर पर तो मरीज की भर्ती हो रही है, लेकिन उसे वार्ड में कौन से बिस्तर दिया गया है। यह मरीजों को नहीं पता रहता है। ज्यादातर वार्ड के सभी बिस्तर भरे रहते हैं फिर भी कम्प्यूटर पर मरीज भर्ती कर लिया था। वार्ड में उसने जाने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस बात का खुलासा केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक की चिट्ठी ने भी इन तथ्यों में किया है।
बताते चले कि केजीएमयू में 4000 बेड हैं। 450 डॉक्टर हैं। पारदर्शिता व उच्चस्तरीय सुविधाएं देने के लिए ई-हॉस्पिटल योजना लागू की गई। फिर भी ज्यादातर अभी तक दावे कागजों पर ही हैं। बताते है कि चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा ने सभी संकाय सदस्यों को पत्र भेजा। इसमें मरीजों की भर्ती संबंधी नए निर्देश जारी किये है। पत्र में कहा गया है ओपीडी से मरीजों की भर्ती डॉक्टर, रेजीडेंट, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से कर रहे हैं। पोर्टल पर बिस्तरों की जानकारी दर्ज होती है, इसके बाद भी इस प्रक्रिया मरीजों को बिस्तर आवंटित नहीं किया जाता है। सिर्फ भर्ती कर मरीजों को वार्ड में भेजा जा रहा है। इससे मरीजों को कई तरह की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। उन्होंने भर्ती के साथ मरीज को बेड आवंटित करने को कहा है। साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से मरीजों को डिस्चार्ज करने को भी परामर्श सख्ती से दिया गया है।
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