न्यूज। प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में आदिगंगा गोमती के तट पर स्थित तीर्थ स्थल ‘धोपाप” के बारे में मान्यता है, कि लंका में रावण का वध करने के बाद श्रीराम ने इसी स्थान पर गंगा में डुबकी लगायी थी और उन्हे ब्रामदोष से मुक्ति मिली थी। यहां पर स्नान के लिए जिले ही नहीं पडोसी प्रतापगढ़, अमेठी, अम्बेडकर नगर, फैजाबाद, बस्ती, आजमगढ़ एवं जौनपुर के श्रद्धालु भी पहुंचेंगे। गंगा दशहरा के पर्व पर 12 जून को यहां स्नानार्थियों का रेला उमड़ेगा जिसके मद्देनजर प्रशासन ने स्नान से जुड़ी व्यवस्थाओ को पूरा कर लिया है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंका विजय और रावण बध के उपरांत ब्रामहत्या से मुक्ति पाने के लिए भगवान श्रीराम ने इसी स्थल पर स्नान किया था। ऋषियो की सलाह पर ब्रामहत्या से मुक्ति पाने के लिए पत्तो से बने बर्तन में एक काला कौआ बैठाकर छोड़ा गया, इसी स्थल पर पहुँचते ही कौए का रंग सफेद हो गया, तब इसी स्थल का चयन कर स्नानोपरांत भगवान राम ब्रामहत्या से मुक्त हो गए। भगवान राम ने यहाँ दीपदान किया। तभी से पापो से मुक्ति पाने के लिए श्रद्धालु यहाँ प्रत्येक गंगा दशहरा के पर्व पर स्नान के लिए उमड़ पड़ते है।
जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी पर लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग पर तहसील लम्भुआ मुख्यालय से आठ किमी दूर धोपाप तीर्थस्थल पर स्नान के लिए भीड़ आज शाम से ही पहुँचने लगेगी। कल भोर से ही श्रद्धालुओं का सैलाब स्नान के लिए घाट पर उमड़ पड़ेगा। स्नान के लिए जिले ही नहीं पडोसी प्रतापगढ़, अमेठी, अम्बेडकर नगर, फैजाबाद, बस्ती, आजमगढ़ एवं जौनपुर के श्रद्धालु भी पहुंचेंगे।
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