टीबी मरीजों के बलगम सैम्पल कलेक्शन में मदद करेगा डाक विभाग

0
689

लखनऊ । देश में टीबी के दस लाख से अधिक अज्ञात मरीज हैं, जो किसी भी आंकड़ों में शामिल नहीं है यह बात स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन (बीएमजीएफ) द्वारा पोषित संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से स्वास्थ्य संचार सुदृढीकरण पर आयोजित ‘टीबी से जंग-पोषण के संग” विषयक कार्यशाला में मौजूद विशेषज्ञों व डाक्टरों ने स्वीकारी। कार्यशाला में डा. सूर्यकांत, डा. राजेद्र प्रसाद आदि विशेषज्ञ शामिल थे।

Advertisement

राज्य क्षय रोग अधिकारी डा. संतोष गुप्ता ने कहा कि देश में टीबी के करीब एक मिलियन मिसिंग केस हैं, जिन्हें जल्द ही चिन्हित करने के साथ ही उन्हें नोटिफाई करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा टीबी मरीजों के बलगम के नमूनों की जल्द से जल्द जांच कराने के लिए डाक विभाग का भी सहयोग लेने की योजना है, जो कि दूरदराज़ के स्वास्थ्य केन्द्रों से नमूनों को जिला अस्पताल तक लाने में मदद करेंगे। इस योजना की शुरुआत लखनऊ सहित प्रदेश के बदायूं, चंदौली आैर आगरा से हो रही है।

डा. गुप्ता ने कहा कि पूरे प्रदेश में समय-समय पर टीबी रोगी खोज अभियान चलाये जा रहे हैं। कार्यशाला में मुख्य वक्ता नेशनल टीबी टास्क फोर्स के वॉइस चेयरमैन डा. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि टीबी के खात्मे में मिसिंग केसेज को राष्ट्रीय स्तर की चुनौती मानते हुए इससे निपटने की पूरी तैयारी चल रही है। मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) और एक्सट्रीमली ड्रग रेजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के मरीजों की बढ़ती तादाद पर काबू पाना भी एक चुनौती है।

केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने कहा कि जो व्यक्ति कुपोषण की जद में है, उसी में यह बीमारी संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने अगर व्यक्ति की पोषण और प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो टीबी का संक्रमण नहीं होगा। कार्यशाला में टीबी ( क्षय रोग) पर कार्य कर रही संस्था रीच,ममता, द यूनियन व जीत परियोजना के प्रतिनिधियों भी मौजूद विशेषज्ञों से सवाल कर जवाब जाने आैर खुद के अनुभवों को साझा भी किया।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous article‘धोपाप’ में श्रीराम को मिली थी ब्रामदोष से मुक्ति
Next articleबिजली संकट से सिविल अस्पताल में मरीज हलकान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here