लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी मेडिसिन विभाग से मरीज गायब हो गया है। लिवर की बीमारी से पीड़ित इस यह मरीज दो दिन से परिजनों को तलाशे नहीं मिल रहा है। सेंटर प्रशासन का कहना है कि तीमारदारों की लापरवाही से मरीज गायब हो गया। जब कि परिजनों का कहना है कि ट्रामा सेंटर प्रशासन मदद नहीं कर रहा है और पुलिस चौकी पर रिपोर्ट दर्ज कराने गये तो भगा दिया गया।
झारखंड निवासी नरेश यादव को परिजनों ने बीस जून को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। लिवर की बीमारी के चलते बिगड़ी तबियत के कारण मरीज को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के वार्ड सी टू में भर्ती किया गया था। यहां पर उसका इलाज चल रहा था। परिजनों का कहना है कि भर्ती करने के दो दिन बाद 22 जून रात ग्यारह बजे अचानक गायब हो गये। परिजनों ने पहले तो ट्रामा सेंटर में वार्ड और आस-पास तलाशा, लेकिन नहीं मिलने पर पीआरओ को सूचना देकर सुरक्षा गार्डो से जानकारी ली, लेकिन मरीज का कुछ पता नहीं चल पाया। परिजनों का कहना है कि दूसरे दिन भी सेंटर के आस-पास केजीएमयू व सड़क पर तलाशा गया। कोई जानकारी नहीं मिलने पर ट्रामा सेंटर प्रशासन से मदद मांगी गयी। यहां पर टाल मटोल रवैया अपनाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए भेज दिया।
परिजनों का कहना है कि झारखंड का होने के कारण मरीज नरेश यादव को भी क्षेत्र की कोई जानकारी नहीं है। इससे उसके गायब होने पर और ज्यादा परेशानी है, नाते रिश्तेदारों के यहां भी नहीं पहुंचा है। परिजनों का कहना है कि जब पुलिस चौकी पर गुमशुदगी की शिकायत करने पहुंचा तो वहां से तलाशने की बात कह कर भगा दिया। परिजनों में नरेश के भाई का कहना है कि दो दिन से तलाशने के बाद भी अभी कोई सुराग नहीं मिलने से वह परेशान है। ट्रामा सेंटर प्रभारी डा. संदीप तिवारी का कहना है कि तीमारदार सो रहा था और मरीज गायब हो गया। ऐसे में ट्रामा सेंटर जो मदद कर सकता है वह कर रहा है।
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