यहां आनलाइन कंप्यूटराइज्ड हियरिंग एसेसमेंट शुरू

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दूूरदराज क्षेत्रों से कान की जांच कराने वाले मरीजों को अब परेशानी का सामना नहीं करना होगा। नाक-कान गला रोग विभाग में अब आनलाइन कंप्यूटराइज्ड हियरिंग एसेसमेंट शुरू कर दिया गया है। इस खास बात यह है कि कान की स्क्रिनिंग होने के साथ जांच भी जल्दी हो जाएगी। विभाग में जल्द ही केजीएमयू में कियोस्क लगाने की प्रस्ताव है, इसमें मरीज खुद अपने कानों की स्थिति जांच सकेंगे।

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विभिन्न अस्पतालों से रेफर होकर कान की जांच कराने के लिए प्रतिदिन 40 से 50 मरीज आते है। केजीएमयू के नाक -कान गला रोग विभाग में जांच के लिए मरीजों को लाइन लगाना पड़ता है। जांच के लिए ऐसे मरीज होते हैं, जिनकी कान में परेशानी नहीं होती है, फिर भी उन्हें लाइन लगाना पड़ता है। ऐसे मरीजों के लिए कंप्यूटराइज्ड हियरिंग एसेसमेंट फायदेमंद साबित होगा। यह कंप्यूटराइज्ड डिवाइस है। विभाग प्रमुख प्रो. अनुपम मिश्रा ने बताते है कि अमेरिकन कंपनी अर्थ डिजीटल के प्रणव मिश्रा और अर्थ एआई के राशिद यहां पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया गया हैं। जल्द ही मरीजों की जांच के बाद यहां कियोस्क लगाने की योजना है।

फिलहाल यह सुविधा मरीजों को अभी मुफ्त दी जा रही है। जिन्हें सुनने में दिक्कत होगी उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। इससे इस बात का स्पष्ट पता चल सकेगा कि मरीज कितना कम सुनता है। इसके अनुसार ही उसका इलाज किया जाएगा। जिन लोगों में ज्यादा गड़बड़ी होगी, उनका मैनुअल टेस्ट किया जाएगा। आपरेशन वाले मरीजों का भी मैनुअल टेस्ट किया जाएगा। यहां कियोस्क लगने के बाद लोग खुद प्रशिक्षित हो जाएंगे और फिर इस डिवाइज का प्रयोग खुद से करने लगेगें।

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