लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीज का डाक्टरों ने तीन बार सर्जरी कर दी। एक ही बीमारी की अलग -अलग तकनीक से सर्जरी के बाद भी मरीज सफल नहीं हो सकी आैर मरीज की मौत हो गयी। अब तीमारदारों ने डाक्टरों ने सर्जरी में लापरवाही में बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सर्जरी के बाद फ ालोअप में डाक्टर नहीं आते थे, जूनियर डाक्टरों की भरोसे इलाज में केस बिगड़ता गया।
इंटौजा कल्याणपुर निवासी अनिल शर्मा (35) को आंत में दिक्कत होने पर परिजनों ने केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में 27 जून को भर्ती कराया। मरीज को ट्रॉमा जनरल सर्जरी विभाग में भेज दिया गया। परिजन राजकुमार का आरोप है कि जून में डॉक्टरों ने लैप्रोस्कोपी तकनीक से आंत की सर्जरी की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। इसके बाद दोबारा मरीज की ओपन सर्जरी की गयी। कुछ दिन बाद घाव में पस आ गया। कुछ दिन तक एंटी बायोटिक दवा चलने के बाद फायदा न होने पर डॉक्टरों लगे टांके फिर से खोलकर तीसरी बार सर्जरी कर दी।
इसके बाद से मरीज की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कोई भी वरिष्ठ डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आता था। जूनियर डॉक्टरों के निर्देशन में मरीज का इलाज किया जा रहा था। परेशानी होने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती थी, परिजनों का आरोप है कि बृहस्पतिवार अचानक मरीज की सांसें फूलने लगी। डॉक्टरों को बुलाया तो मरीज को आईसीयू में शिफ्ट करने क लिए कहा। शिफ्ट कराने की तैयारी चल रही थी कि मरीज की मौत हो गई।
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