केजीएमयू: ट्रामा वेंटिलेटर यूनिट में फंगस कैंडिडा आरिस का संक्रमण

0
671

लखनऊ। विश्वस्तरीय क्लीनिकल क्षेत्र का खतरनाक फंगस कैंडिडा आरिस किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के वेंटिलेटर यूनिट में मिला है। यह खतरनाक फंगस कैंडिडा आरिस केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर स्थित ट्रामा वेंटिलेटर यूनिट (टीवीयू) में भर्ती तीन मरीजों के ब्लड की जांच में मिला है। इसकी पुष्टि के बाद केजीएमयू के विशेषज्ञ डाक्टरों में हड़कम्प मच गया है। तीनों मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। विशेषज्ञों ने संक्रमण को रोकने के लिए टीवीयू के के एक भाग में मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है।

Advertisement

ट्रामा सर्जरी विभाग में जुलाई के पहले सप्ताह में एक मरीज को भर्ती किया गया था। यहां पर इलाज के बाद भी मरीज ठीक नही हो रहा था। डाक्टरों के दवा बदलने व देखरेख करने के बाद भी तेजी से मरीज की हालत गंभीर होती जा रही थी। विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद तेरह जुलाई को हॉस्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल टीम ने टीवीयू में भर्ती मरीज के ब्लड का नमूना लेने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ब्लड की जांच कराई। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच रिपोर्ट, जिसमें डॉ. प्रशांत गुप्ता के हस्ताक्षर थे। रिपोर्ट को देखकर सभी होश उड़ गये।

रिपोर्ट में घातक फंगस कैंडिडा आरिस की पुष्टि की गयी थी। टीवीयू पहुंची रिपोर्ट को देख कर विभाग प्रमुख डॉ. जीपी सिंह को जानकारी दी गयी। इसके बाद डॉ.सिंह के निर्देश पर यूनिट के सभी छह बेड पर भर्ती मरीजों के ब्लड के नमूनों की जांच करा दी गयी। छह जुलाई को भर्ती 24 साल का युवक भी घातक फंगस की जद में आ गया है। वहीं एक आैर मरीज को भी कैंडिडा ने चपेट में ले लिया है। अब तीन मरीजों में घातक फंगस की पुष्टि के बाद डॉक्टरों की होश फाख्ता है।

डॉ. जीपी सिंह के मुताबिक मरीज के अगल-बगल में भर्ती मरीजों में फंगल संक्रमण का पता चला है। बाकी तीन मरीजों की जांच में संक्रमण नहीं मिला है। उन्हें दूसरी यूनिट में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि टीवीयू में कुल 20 बेड हैं। चौदह बिस्तरों पर भर्ती बाकी मरीजों की भी जांच कराई गई। दावा है कि इसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी संक्रमित मरीजों को आईसोलेट कर दिया गया है।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleकैंडिडा ऑरिस पिछले 8 वर्षो से भारत में है मौजूद
Next articleसरकारी अस्पतालों में सांध्य ओपीडी सेवाएं शुरू कराने का प्रस्ताव

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here