लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि अधिकारी नियमित रूप से कार्य की प्रगति की समीक्षा एवं मानीटरिंग करें। शहरों की बेहतर सफाई कराकर विभाग की छवि ठीक करें। शहरों में बेहतर सफाई के साथ नाले-नालियों की मरम्मत व ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कर इस छवि को बेहतर बनाया जा सकता है।
नगर विकास मंत्री ने यह बातें शनिवार को स्थानीय निकाय निदेशालय में हुई समीक्षा बैठक में कही। कहा कि अफसर ईमानदारी के साथ काम करें। निकायों के निर्माण कामों की टीमें बनाकर उसके गुणवत्ता की नियमित जांच कराई जाए। नियमित रूप से देखरेख व समीक्षा होने से काम समय के साथ पारदर्शिता से होंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर सबसे ज्यादा जन-जागरूकता व प्रशिक्षण की जरूरत है। इसकी नियमित अनुश्रवण की जाए। नाले-नालियों की सफाई का सप्ताह में एक दिन निरीक्षण जरूर किया जाए। स्वच्छता की जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता संबंधी विज्ञापन अच्छी छवि वाली एजेंसियों को देकर अर्थपूर्ण डिजाइन में विज्ञापन बनवाए जाएं। मेयर, अध्यक्ष व पार्षद सुरक्षित स्थानों पर पौधरोपण करवाए जाएं। स्वच्छता के कामों में लगे कार्यदायी संस्था के संविदा कर्मियों को उनके मानदेय पूरी पारदर्शिता के साथ सीधे उनके खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की जाए। विभागीय कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए काम को आधार बनाया जाए। निर्धारित लक्ष्य के आधार पर तबादले किए जाएं।
श्री खन्ना ने कहा कि प्रदेश के समस्त नगर निकायों के अध्यक्ष गण एवं पार्षद गण को नगर निगम की स्थिति में नगर आयुक्त एवं नगर पालिका परिषद तथा नगर पंचायत की स्थिति में अधिशासी अधिकारीयों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पौधरोपण करवाए जाएं एवं उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध भी किया जाए। निकायों के निर्माण कार्यों की एक टीमे बनाकर उसकी गुणवत्ता की नियमित जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के कार्य में लगे हुए आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों को उनके मानदेय पूरी पारदर्शिता के साथ डायरेक्ट उनके खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह, निदेशक, सूडा, निदेशक स्थानीय निकाय, प्रबन्ध निदेशक जल निगम सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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