बैंक कार्य में सुधार लाने व उसको बेहतर बनाने पर हुई चर्चा

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा उत्तर प्रदेश में बैंकर्स कार्यशाला का आयोजन

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लखनऊ । बैंकों के निष्पादन की समीक्षा और उनकी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ समायोजन संबंधी विचार सृजित करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आयोजित बॉटम अप परामर्शदात्री प्रक्रिया के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के 38 क्षेत्रीय कार्यालयों की सभी शाखाओं को शामिल किया गया। लखनऊ नगर में 120 शाखाओं के कार्यों के निष्पादन की समीक्षा लखनऊ मण्डल की मुख्य महाप्रबंधक सलोनी नारायण ने खुद किया । यह अपने प्रकार की पहली ऐसी मंत्रणा थी जिसमें शाखाओं से कहा गया था कि वे स्वयं अपने निष्पादन की समीक्षा, बैंकिंग क्षेत्र के समक्ष उपस्थित मुद्दों पर चर्चा और आने वाले समय में भावी रणनीति पर विचार करें।

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मुख्य महाप्रबंधक सलोनी नारायण ने बताया कि प्रक्रिया बैठक में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में क्रेडिट सुविधा बढ़ाने, नवोन्मेष हेतु प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढ़ाने और वृहत डाटा विश्लेषण को सक्षम बनाने व बैंकिंग को नागरिक-केन्द्रित करने के साथ-साथ उसे वरिष्ठ नागरिकों, किसानों, लघु व्यवसायियों, उद्यमियों, युवाओं, छात्रों और महिलाओं के प्रति और अधिक जवाबदेह बनाने के उपायों व तरीकों पर विचार विमर्श किया गया। चर्चा के दौरान 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए बैंक क्रेडिट हेतु सक्षम बनाना, डिजिटल भुगतान बढ़ाना, पीएसबी में कारपोरेट शासन इत्यादि नौ थीम आधारित विषयो पर भी विचार व्यक्त किये गए ।

उन्होंने बताया कि बैठक में बैंकों के निष्पादन और कई अन्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ उनके समायोजन की भी समीक्षा की गई । जिसमे मुख्यता आर्थिक विकास हेतु ऋण सहायता, आधारभूत सुविधाएं/उद्योग, कृषि क्षेत्र और ब्ल्यू अर्थव्यवस्था, जल शक्ति, एमएसएमई क्षेत्र  और मुद्रा ऋण, शिक्षा ऋण, निर्यात ऋण, ग्रीन इकॉनमी, स्वच्छ भारत, वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण, प्रत्यक्ष लाभांतरण, ईज़ ऑफ लिविंग, स्थानीय प्राथमिकताओं से संबद्धता एवं कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व थे।

बैठक के बाद रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में सलोनी नारायण ने बताया कि परामर्श के परिणाम स्वरूप कई कार्यान्वित किए जाने वाले व नवोन्मेषी सुझाव प्राप्त हुए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तथा विशेष तौर पर हमारा बैंक अपने कार्य निष्पादन में सुधार ला सकते हैं तथा भविष्य के लिए रोड मैप क्या होना चाहिए ।  इन सुझावों को संग्रहीत किया गया और इन्हे प्रत्येक क्षेत्र के तहत शाखाओं के कार्यनिष्पादन के तुलनात्मक विश्लेषण के साथ एसएलबीसी / राज्य स्तर पर पुनः विचार-विमर्श हेतु अंचल को भेजा गया। उन्होंने कहाकि एसएलबीसी स्तर पर चर्चा के पश्चात अंतः बैंक एवं अंतर बैंक दोनों के कार्य निष्पादन की तुलना अंतिम रूप से परामर्श हेतु राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी तथा समस्त सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कार्यान्वित किए जाने के लिए सुझावों को अंतिम रूप दिया जाएगा ।

सुझाव की इस प्रक्रिया ने शाखा के स्तर पर भी संलग्नता एवं लक्ष्य के प्रति नवचेतना प्रदान की है तथा बैंक द्वारा भविष्य में रोडमैप लागू करने, कार्य निष्पादन में सुधार करने तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़ने की तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं जिससे हमारा बैंक भारत की संवृद्धि गाथा का अटूट एवं स्थायी हिस्सेदार बन सके और अपनी भागीदारी का निर्वाह पूर्ण रूप से कर सके । बैठक में अमित जोग, क्षेत्रीय प्रबन्धक, भारतीय स्टेट बैंक, (क्षेत्र- 1), सुदेश भट्ट, क्षेत्रीय प्रबन्धक, भारतीय स्टेट बैंक (क्षेत्र- 7), मनीष उप्पल, क्षेत्रीय प्रबन्धक, भारतीय स्टेट बैंक (क्षेत्र- 5 ) की भी सहभागिता रही ।

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