लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के न्यू टीजी छात्रावास की मैस में सोमवार को कीड़ा निकलने पर एमबीबीएस इंटर्न व नर्सिंग के छात्रों ने हंगामा मचा दिया। उनका आरोप था कि आये दिन खाने में गड़बड़ी रहती है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। आज भी खाना में कीड़ा निकलने पर कोई शिकायत सुनने नहीं आया तो छात्रों ने हंगामा मचाकर शिकायती पत्र छात्रावास के कार्यालय में दे दिया है। न्यू टीजी छात्रावास में प्रथम तल पर नर्सिंग के छात्र रहते है, तो दूसरे तल पर एमबीबीएस इंर्टन बैच के मेडिकोज रहते है। दोनों छात्रों की संख्या लगभग 150 के आस-पास है। इन सभी का खाना यही के मैस में बनता है आैर मेडिकोज खाते है। नर्सिंग व एमबीबीएस इंटर्न के मेडिकोज का संयुक्त रूप से आरोप है कि उनके यहां मैस में कई महीनों से खाना गड़बड़ दिया जा रहा है। कभी सुबह की सब्जी रात में चलती है तो सुबह का दाल चावल शाम को दे दिया जाता है।
खाने की क्वालिटी भी नहीं रहती है। सभी का एक मत से कहना है कि कई बार वार्डेन से शिकायत की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता है। उल्टे शिकायत करने वाले मेडिकोज पर कार्रवाई होने का भय बना रहता है। मेडिकोज का कहना है कि आज दोपहर में जब मेडिकोज मैस में खाना खाने के लिए गये, तो वहां पर बैंगन की सब्जी, दाल रोटी बनी हुई थी। काफी संख्या में छात्र खाना खा रहे थे। अचानक खाना खाते वक्त सब्जी में कीड़ा दिखायी, तो उसे आैर देखा गया, तो अंदर कीड़ा था। इसकी शिकायत मैस में की गयी तो कहा गया कि कीड़ा आ गया होगा। दूसरी बार जाकरी सब्जी ले लो। इस सभी आक्रोशित हो गये आैर हंगामा मचाने लगे।
काफी देर तक हंगामा मचने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचे। छात्रों ने हंगामा मचा कर कार्यालय में जाकर शिकायती पत्र दे दिया है। छात्रों का कहना है कि यहां के वार्डेन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते है। वार्डेन डा. अभिनव अरुण सोनकर का कहना है कि अभी शिकायत उन तक नहीं आयी है। हालांकि छात्रावास में नर्सिंग के छात्र ही मैस के खाना बनाने वाला लाते है आैर वह ही मीनू डिसाइड करते है। ऐसे में खाने के प्रति उनकी जिम्मेदारी है। हम लोग कभी कभार जाकर जांच पड़ताल करने के साथ खाना बनाने वालों की जानकारी रख लेते है।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.