लखनऊ। अभी तक रूट कैनाल कराने के बाद भी दांत की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर रहेगी। अब तक होता यह था कि रूट कैनाल में नर्व को हटा दिया जाता है या डेड कर दिया जाता है, परन्तु सभी नर्व को डेड या हटाया नहीं जाएगा। यह जानकारी एम्स नयी दिल्ली के दंत संकाय के वरिष्ठ डा. अजय ने इंडिया एसोसिएशन आफ कंजरवेंटिव एवं एंडोडॉटिक्स नार्थ जोन पी जी कार्यशाला में दी। कार्यशाला किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में आयोजित की गयी थी।
डा. अजय ने बताया कि रूट कैनाल के वक्त नर्व को हटा दिया जाता है या डेड कर दिया जाता है। इससे दांत डेड हो जाता है आैर उसकी क्वालिटी ऑफ लाइफ समाप्त हो जाती है। अब सभी नर्व को डैमेज करने के बजाय संक्रमित नर्व को डैमेज किया जाएगा आैर एमटीपी (मिनरल ट्राई आक्साइड ) को भर कर अन्य नर्व को डैमेज होने से रोक दिया जाएगा। इससे दांतों की लाइफ बढ़ जाएगी।
कार्यशाला में डा. अनिल चंद्रा ने बताया कि स्टेम सेल की मदद से डेड दांतों को नया जीवन दिया जाने का शोध सफल हो गया है। इसका ट्रायल मरीजों पर सफल पाया गया है। उन्होंने बताया कि यह शोध आईटीआरसी के साथ हो रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें डेड को नया जीवन देने के लिए मरीजा का ही ब्लड लेकर उसे सेट्रीफ्यूज करते हुए फाइब्रोन व प्लेटलेट्स निकाल लेते है। ब्लड से निकाले गये अवयव डेड दांतों के अंदर इंजेक्ट कर देते है। इससे डेड दांतों कों नया जीवन मिल जाता है। नर्व तो अपडेट होने के साथ ही वहां पर डेड ऊतक लाइव होने लगते है। लैब में सफलता मिलने के बाद अब मरीजों पर भी इसका ट्रायल सफल हो जाता है। बनारस से आयी डा. नीलम मित्तल ने बताया कि बच्चों के दांत अक्सर ट्रामा में टूट जाते है, उन्हें रिजनरेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि टूटे दांत के भाग को हटा कर अन्य दांतों को नयी तकनीक से बचाया जा सकता है।
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