लखनऊ । चिकित्सा क्षेत्र में आज विशिष्टता की आवश्यकता है। विशिष्टता के आधार पर योग्यता को बढ़ाया जा सकता है। यह बात प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सोमवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडोंटिक्स विभाग द्वारा सेल्वी हाल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहीं। इंडिया एसोसिएशन आफ कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स नॉर्थ जोन द्वारा आयोजित यह कार्यशाला आयोजित की गयी। इसमें डेंटल के क्षेत्र में विशेषज्ञों ने दांतों में स्टेम सेल से लेकर अन्य हो रहे शोध पर जानकारी दी।
उप मुख्यमंत्री डा. शर्मा ने कहा कि डाक्टरों में हमेशा विद्यार्थी की तरह सीखने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। डाक्टर के लिए सेवाभाव प्रथम, जबकि शुल्क प्राप्ति का उद्देश्य द्वितीय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में हुए विभिन्न नये-नये अनुसंधानों एवं शोधों को आज के नवांगतुक डाक्टरों को अपनाये जाने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में उपलब्ध दांतांे के उपचार के विभिन्न विभागों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा इनके सतत विकास के लिए प्रयासरत रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नवांगतुक दन्त चिकित्सकों का मूल उद्देश्य जनता की सेवा होनी चाहिए। उन्हें गांव के दूरदराज के इलाकों में जाकर अपनी सेवाएं देनी चाहिए।
कार्यशाला में विभाग प्रमुख डा. एपी टिक्कू ने कहा कि दांतों पर हो रहे शोध को मरीजों तक पहुंचना भी चाहिये। ताकि वह मरीजों का बेहतर इलाज कर सके। कार्यशाला में लगभग साढे 450 स्नातक विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं।
केजीएमयू में आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट , केजीएमयू कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ए पी टिक्कू, डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल कोहली, केजीएमयू कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडोंटिक्स विभाग के डॉ अनिल चंद्रा भी उपस्थित थे।
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