लखनऊ। आजकल प्रत्येक दूसरा व्यक्ति किसी न किसी कारण से लिवर की समस्या पीड़ित है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की प्रत्येक ओपीडी में चार से पांच सौ मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचता है। कमोबेश यही हाल सभी बड़े संस्थानों का है। यही नहीं लिवर प्रत्यारोपण में लगातार छह सफल प्रत्यारोपण करने के बाद केजीएमयू में भी लगभग चार दर्जन से लिवर प्रत्यारोपण करने वाले की वेंटिग हो चुकी हंै, जो कि लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों से लोग लिवर प्रत्यारोपण की उम्मीद लेकर यहां आ रहे है।
गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. सुमित रूगंटा की माने तो लिवर की बढ़ती बीमारियों का कारण खुद की लापरवाही है। इसके अलावा कहीं न कहीं से लिवर संक्रमण यानी कि हेपटाइटिस बी व सी बड़ा कारण हो सकता है। उन्होंने बताया कि कै ंसर के बाद अगर देखा जाए तो लिवर सिरोसिस सबसे बड़ी बीमारी होती जा रही है। डा. रूगंटा का कहना है कि लिवर के खराब होने के चार बड़े कारण माने जाते है। पहला अल्कोहल का सेवन, दूसरा हेपेटाइटिस बी,तीसरा हेपेटाइटिस सी तथा फैटी लिवर नैश माना जाता है। अल्कोहल का लम्बे समय तक सेवन करने पर लिवर की कोशिकांए नष्ट होकर लिवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी बना देती है।
उन्होंने बताया कि दिक्कत यह होती है कि लिवर गड़बड़ होने पर अल्कोहल का सेवन करने वाले आते है आैर कुछ दिन दवा का सेवन करने पर सुधार देख कर दोबारा अल्कोहल का सेवन शुरू कर देते है, जो कि बहुत ही घातक है। हेपटाइटिस बी का विषाणु गंभीर संक्रमण कहलाता है। गलत यौन सम्बंध, ब्लड या अन्य संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। यह लिवर में साइलेंट रहती है, जो कि अचानक दिक्कत करने पर मरीज को परेशानी में डाल देती है। इसका बचाव टीकाकरण है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस सी की पहचान होने पर दवा से मरीज ठीक भी हो जाता है।
डा. रूगंटा ने बताया कि आज कल का युवा व नयी पीढ़ी के लोग जागरूक हो रहे है, फिर भी जंक फूड का सेवन लगातार बढ़ रहा है। मोटापा लगातार बने रहने पर लिवर फैटी हो जाता है आैर कोशिकाएं नष्ट होकर जटिल बीमारी बन जाती है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डा. कौसर उस्मान का कहना है कि लगातार थकान महसूस करना, पेट में सूजन का अहसास होने पर तथा इसके अलावा पीलिया का जल्द ठीक न होने पर आैर दोबारा रिपीट होने पर विशेषज्ञ डाक्टर से इलाज व परामर्श से जांच करानी चाहिए, ताकि पीलिया होने का कारण पता चल सके। ज्यादातर मरीज अन्य विद्याओं पर ज्यादा ध्यान देते है आैर गंभीर हालत में इलाज कराने आते है। उन्होंने बताया कि लिवर सम्बधित कोई बीमारी का लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श ले। समय पर इलाज व खान-पान परिवर्तन करके लिवर की बीमारियों से बचा जा सकता है।
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