…और अंगदान की तमन्ना अधूरी रह गयी

0
592

लखनऊ। ब्रेन डेड मरीज के अंगदान करने की इच्छा परिजनों की अधूरी ही रह गयी। निजी अस्पताल से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ले जाकर अंगदान की प्रक्रिया शुरु की गयी, लेकिन प्रत्यारोपण के मानकों के अनुसार अंगों के न होने पर सिर्फ कार्निया ही निकाली जा सकी। इससे एक और प्रत्यारोपण होने से रह गया। बताते चले कि मारूतिपुरूम (58) बिना गुप्ता ब्रेन स्ट्रोक के कारण ब्रेन हेमरेज के पश्चात कपूरथला स्थित निजी अस्पताल में इलाज हेतु परिजनों ने भर्ती कराया गया। जहां पर निजी अस्पताल के डाक्टरों के द्वारा मरीज के परिजनों को ब्रेन डेड होने की जानकारी दी गयी, जिसके पश्चात परिजनों ने 20 सितम्बर को मरीज के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद द्वारा मरीज के लिवर, दोनो किडनी एवं दोनों ऑखों की कार्निया के दान करने के लिए सहमति प्रदान की गयी।

Advertisement

जिसके बाद मरीज को परिजनों द्वारा केजीएमयू में अंगदान की प्रक्रिया के लिए भर्ती कराया दिया गया। इसी दिन शाम आठ बजे अंगदान की प्रक्रिया विशेषज्ञ डाक्टरों ने शुरू की, परन्तु प्रक्रिया के दौरान मरीज का लिवर एवं दोनों किडनियॉ जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपण के लायक नही मिला। अगर ऐसा होता तो एक और लिवर व दो किडनी प्रत्यारोपण से तीन लोगों को नया जीवन मिल जाता। केवल दोनों ऑखों की कार्निया ही प्रत्यारोपण के निकाली जा सकी।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleथैलेसेमिया में अभी शोध की जरूरत
Next articleलोहिया संस्थान ने तीन नये चिकित्सा अधीक्षक किये तैनात

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here