लखनऊ। पूरे प्रदेश से 108 और 102 एंबुलेंस के ड्राइवर और उसमें तैनात कर्मचारी राजधानी लखनऊ की इको गार्डन एकत्र हुए। यहां पहुंचकर सैकड़ों कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। वही कर्मचारियों की संख्या को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल भी लगा दिया गया। एंबुलेंस कर्मचारियों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह इसी तरह से हड़ताल पर रहेंगे।
एक और जहां हजारों एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल करने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, तो वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे ने कहा 2012 से गाड़ियां चल रही है 12 घंटे ड्यूटी देने के बावजूद सिर्फ 8 घंटे का वेतन उन्हें दिया जाता है। उनकी वेतन बढ़ोतरी एक बार भी नहीं की गई है। पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिससे वेतन बढ़ोतरी की मांग करने वाले कर्मचारी को फौरन बाहर कर दिया जा रहा है।
एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि कार्य बहिष्कार करने के बावजूद एक बार भी कोई उनका हाल पूछने नहीं पहुंचा, जिससे वह काफी दुखी हैं। एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं जहां उनकी सुनवाई हो जाती है, लेकिन हम 8900 सौ रुपये में कैसे अपने परिवार का पालन कर रहे हैं सिर्फ हम जानते हैं। कर्मचारियों ने साफ किया कि जब तक पायलट प्रोजेक्ट बंद नहीं हो जाता, सामान्य वेतन सामान्य कार्य की सुविधा हमे नहीं दी जाती हड़ताल रहेगी।
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