लखनऊ। फार्मासिस्टों अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद भी नियुक्ति व तैनाती में लापरवाही बरत रहे स्वास्थ्य महानिदेशालय में महानिदेशक व बाबुओं को आक्रोशित फार्मासिस्टों ने सोमवार को उनके ही कमरे में बंधक बना लिया। लगभग तीन सौ फार्मासिस्टों ने महानिदेशालय में रात तक महानिदेशक व तैनाती देने वाला सेक्शन फोरडी के बाबुओं को कमरे में बंधक बनाये रखा। रात 11.30 बजे नियुक्ति पत्र व तैनाती की लिस्ट जारी होने के बाद ही फार्मासिस्टों महानिदेशक व बाबुओं को बाहर निकलने दिया।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के तहत सुबह शुरू हुए महानिदेशालय धरने में फार्मासिस्टों ने काउंसलिग के बाद तैनाती न मिलने पर आक्रोश जताया। दोपहर तक महानिदेशक डा. पद्माकर सिंह ने आश्वासन दिया कि शाम तक 341 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र देने के साथ ही तैनाती भी दे दी जाएगी, लेकिन शाम तक कोई लिस्ट नही जारी होने पर सभी फार्मासिस्टों ने एसोसिएशन पदाधिकारी संदीप बडोला, श्रवण सचान व रजत यादव के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए महानिदेशक व तैनाती देने वाला सेक्शन फोर डी के बाबुओं को कमरें में बंधक बना दिया। उनका कहना था कि जब नियुक्ति पत्र व तैनाती नहीं मिल जाती है। तब तक नहीं जाने देंगे।
महानिदेशक ने भी आश्वासन दे दिया आैर नियुक्ति पत्र जारी कराने की कोशिश में जुट गये। धरना दे रहे रजत यादव ने बताया कि जून में काउंसलिंग के बाद जुलाई में नियुक्ति व तैनाती हो जानी थी, लेकिन महानिदेशालय के फोर डी सेक्शन के बाबुओं ने जानबूझकर लिस्ट जारी नही की, जब कि 25 सितम्बर को फार्मासिस्ट दिवस पर खुद महानिदेशक डा. पद्माकर सिंह ने तीन दिन में लिस्ट जारी करने के लिए कहा था। फिर भी लिस्ट जारी नहीं की गयी। रात 11. 30 बजे महानिदेशक के हस्ताक्षर से 341 फार्मासिस्टों की नियुक्ति पत्र व तैनाती लिस्ट जारी कर दी गयी। इसके बाद ही फार्मासिस्टों ने सभी को बाहर निकलने दिया।
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