लखनऊ। खाने में रेसेदार चीजों की कमी और पानी का कम पीना के अलावा दिनभर एसी में बैठने वालों, पैदल न चलने वालों को प्यास कम लगती है वे पानी नहीं पीते हैं, यह कब्ज बनाती है। यह कब्ज धीरे- धीरे पाइल्स का रूप ले लेती है। इससे बचाव के लिए प्रतिदिन कम से कम आठ से 10 गिलास पानी जरूरत पीना चाहिए। यह जानकारी सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. अरशद अहमद ने पाइल्स जागरुकता कार्यक्रम के तहत आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
डा. अरशद ने बताया कि भोजन में पर्याप्त फाइबर होना, पानी अधिक पीना एवं नियमित व्यायाम करने से इस बीमारी की रोकथाम हो सकती है। पाइल्स के मुख्य लक्षणों में गुदामार्ग से खून आना, गुदा द्वार पर सूजन होना और दर्द होना आदि है। अक्सर यह स्वत: ही ठीक हो जाते है या कभी-कभी इसके इलाज की जरूरत पड़ती है। 80 प्रतिषत तक मरीजों में बिना आपरेशन के सफल इलाज हो जाता है। इस दौरान आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में मेडिकल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग छात्रों ने हिस्सा लिया। अलग- अलग ग्रूप में उत्कृष्ट पोस्टर बनाने वालों को पुरस्कृत किया गया।
मौके पर जुटे मरीजों के सवालों का जवाब भी दिया गया। कार्यक्रम केदौरान सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. अभिनव अरुण सोनकर, प्रो. एसएस पाहवा, प्रो. शैलेन्द्र कुमार, प्रो. विनोद जैन, प्रो. सुरेश कुमार, डा केके सिंह, प्रो. अवनीश कुमार, प्रो. सुरेन्द्र कुमार, डा. जितेन्द्र कुमार कुशवाहा, डा. पारिजात सूर्यवंशी, डा. अनुराग राय, डा. पंकज कुमार, डा. फराज अहमद, डा. संजीव कुमार, डा. गीतिका नन्दा, डा अजय कुमार पाल, डा. सन्दीप वर्मा, डा. पंकज सिंह, डा. मनीष अग्रवाल, डा. कुषाग्र गौरव एवं एसजीपीजीआई के डा. अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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