लखनऊ। केजीएमयू के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते- होते बचा। यहां स्थित लैब की ऑटोक्लेव मशीन में दोपहर को वॉयल का स्टेलाइजेशन के दौरान स्विच ऑफ होते ही ब्लॉस्ट हो गया। ब्लॉस्ट इतना तेज था कि स्विच ऑफ करने वाला कर्मचारी उछल कर तीन फुट दूर खून से लथपथ गिरा पड़ा था। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया गया है, जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मशीन में प्रेशर अधिक होने पर लैब टेक्नीशियन उसे ऑफ करने गया था। स्विच ऑफ करते ही मशीन में तेज धमाका हो गया। इससे कर्मचारी कमरे से बाहर करीब तीन फिट दूरी पर जाकर गिरा। धमाका होते ही अन्य कर्मचारी दौड़े तो देखा वह कमरे से बाहर खून से लथपथ पड़ा था। कर्मचारियों ने आनन फानन में उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है।
माइक्रोबॉयोलाजी लैब में हर रोज करीब टीबी मरीजों के सैकड़ों सैंपल जांच के लिए आते हैं। यहां पर जांच बाद सैंपल वॉयल स्टेलाइजेशन के लिए आटो क्लेव मशीन में डाले जाते हैं। माइक्रोबॉयोलाजी की टीबी लैब में कार्यरत लैब टेक्नीशियन बृज किशोर पाल दोपहर में वॉयल आटो क्लेव मशीन में डालकर बाहर चला गया।
इसी बीच मशीन में अधिक प्रेशर हो गया, तो करीब ढाई बजे लैब टेक्नीशियन मशीन का स्विच ऑफ करने गया। स्विच ऑफ करके बाहर जाने के लिए मुड़ा ही था कि आटो क्लेव मशीन में तेज धमाका के साथ ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना तेज था कि कर्मचारी उसकी चपेट में आकर कमरे से बाहर जा गिरा। धमाका होने से लैब में हड़कंप मच गया आैर भगदड़ मच गयी। सभी उस कमरे की ओर भागे तो कुछ डर कर बाहर भाग गये। कमरे के बाहर कर्मचारियों ने पहुंच कर देखा लैब टेक्नीशियन बेहोशी की हालत में खून से लथपथ बाहर पड़ा था।
आनन -फानन में कर्मचारी उसे उठाकर ट्रॉमा सेंटर कैजुल्टी ले गए। जहां पर जांच में सिर में गंभीर चोट बतायी गयी है। इसके अलावा अन्य जांचें भी करायी गयी। कर्मचारी को ट्रॉमा सर्जरी विभाग में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि जानकारी लेने पर पता चला है कि मशीन में प्रेशर अधिक होने पर उसका गेट खुल गया था, जिसकी चपेट में आकर एक कर्मचारी घायल हो गया है लेकिन अब उसकी हालत में अब सुधार है।
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