लखनऊ। अपने जिगर के टुकडे को लिए लोग क्या नहीं करते है। कुछ ऐसे भी है बच्चे को छोड़ कर भाग खडे होते है। अपने बीमार बच्चे को बिना किसी सहारे के छोडने वाले पिता को जरा भी हिचक नहीं लगी। यह घटना संजय गांधी पीजीआई की है। जहां पर नियोनेटल आईसीयू में वेंटीलेटर पर जीवन के लिए तीन महीने का बच्चा संघर्ष कर रहा है। इसके परिजन भर्ती कराने के बाद से बेसहारा छोड़ कर चले गए है। वार्ड के स्टाफ बच्चे की देख रेख कर रहे है, लेकिन आगे क्या होगा यह सोच कर सभी परेशान है। इलाज का खर्च तो मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिली राशि से चल रहा है। नियोनेटल विभाग के डाक्टरों ने संस्थान प्रशासन से कहा है कि बच्चे के पिता से संपर्क फोन पर किया गया, लेकिन वह पीजीआइ आने को तैयार नहीं है।
आजमगढ़ जिले के दीदारगंज पोस्ट दीदारगंज के रहने वाले कौशल ने बेबी आफ माला को संस्थान के नियोनेटल आईसीयू में भर्ती कराया था। यह बच्चे के गंभीर फेफडे का संक्रमण है। सांस लेने में परेशानी हो रही है, जिसके कारण उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। बच्चे के परिजन काफी दिनों से गायब है। पहले वार्ड के स्टाफ ने सोचा कि कहीं गए होंगे एक दो दिन में आ जाएगे, लेकिन 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी परिजन नहीं आए। डाक्टरों के कहना है कि बच्चे के बारे में काउंसलिंग सहित अन्य निर्णय लेने में परेशानी आ रही है। संस्थान प्रशासन का कहना है कि यह गंभीर मामला है। इलाज के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है, फिर भी बच्चे को लावारिस छोड़ कर चले गए है। पंजीकरण फार्म में दिए गए नंबर पर संपर्क किया जा रहा है। यदि नहीं आए तो जो उचित होगा फैसला लिया जाएगा।
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