कोल्ड डायरिया से बचे, होने पर ले परामर्श

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Dr. Kausar Ussman

लखनऊ। कड़कड़ाती ठंड में कोल्ड डायरिया की चपेट में लोग आने लगे है। सबसे ज्यादा बच्चे व बुजुर्ग आ रहे है। युवा भी ठंड लगने व खान-पान में सावधानी न बरतने के कारण चपेट में आ रहे है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का लेकर डफरिन अस्पताल , सिविल अस्पताल के अलावा अन्य अस्पतालों में कोल्ड डायरिया के मरीज भर्ती होना शुरू हो गये है। लगातार बढ़ रही ठंड के कारण अस्पतालों में कोल्ड डायरिया के मरीज बढ़ने लगे है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पिछले दो दिनों से एक दर्जन से ज्यादा मरीज कोल्ड डायरिया के आये है। जिनका इलाज कि या जा रहा है।

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मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डाक्टर व जेरियाटिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. कौसर उस्मान ने बताया कि कोल्ड डायरिया में बेहद सावधानी बरतनी बढ़ती है। यह अक्सर बुजुर्गो को जल्दी चपेट में लेती है। इस लिए इस मौसम में उनका ध्यान देना आवश्यक है। दस्त आने पर सामान्य पानी में इक्ट्रॉल या ओआरएस देना चाहिए। डा. उस्मान बताते है कि लोगों में गैस्ट्रोइंट्राइटिस की शिकायत ज्यादा हो जाती है। इस कारण उल्टी या मिचली भी लगती है। उन्होंने बताया कि इस सीजन में बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ताजा खाना ही खाये आैर गरिष्ठ भोजन का भी सेवन कम से कम करना चाहिए। इस बीमारी के बारे में डफरिन अस्पताल के डा. सलमान बताते है कि कोल्ड डायरिया बच्चो को जल्दी चपेट में ले लेता है। इस ठंड में खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। बीमार होने पर विशेषज्ञ डाक्टर से ही परामर्श लेकर दवा देनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में तीन से चार बच्चे इलाज कराने आ रहे है। इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजय निरंजन बताते है कि कोल्ड डायरिया की शिकायत होने पर ओरआएस के जिंक भी देना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों को वैक्सीन लगी होती है। उनको इसकी संभावना कम होती है। उनका कहना है कि यह संक्रमण है। स्तनपान करन वाले शिशु को कोल्ड डायरिया हो जाता है। इस मौसम में बच्चों के खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग में भी कोल्ड डायरिया के बच्चे काफी संख्या में भर्ती है, जिनका इलाज किया जा रहा है।

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