वेंटिलेटर मिला होता तो बच जाता मरीज

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लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में सोमवार को वेंटिलेटर न मिलने से ब्रोन हैमरेज एक मरीज की मौत हो गयी। तीमारदारों का आरोप हैं कि वहां पर वेंटिलेटर खाली होने के बाद भी उनके मरीज को वेंटिलेटर नहीं दिया। सीतापुर रहने वाले सुरेश वर्मा के अनुसार शनिवार को उनके पिता घनश्याम (55) को ब्रोन हैमरेज हुआ था। परिजन उन्हें जिला अस्पताल ले जाने पर हालत गंभीर बताते हुए लखनऊ रेफर कर दिया। परिजन मरीज को लेकर सोमवार को बलरामपुर अस्पताल पहुचें। यहां पर डॉक्टरों ने वेंटिलेटर खाली न होना कहा आैर ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया।

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ट्रामा सेंटर ले जाने के दौरान मरीज ने रास्तें में ही दम तोड़ दिया। सुरेश का कहना हैं अगर अस्पताल में ही वेंटिलेटर मिल जाता तो आज उनका मरीज जिन्दा होता। बताते चले कि बलरामपुर अस्पताल के आईसीयू में चार वेंटिलेटर हैं, जिसमें से एक पर मरीज भर्ती हैं और बाकी बिस्तर खाली पड़ें हैं। इसके बाद भी मरीजों को भर्ती न करके ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि यहां वेंटिलेटर की जरुरत वालें मरीजों को आना ही नहीं चाहिए। कई बार बता चुकें हैं, झूठ बोलकर तीमारदार मरीज को भर्ती करवा देते हैं, जिससे समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता है।

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