लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए लखनऊ में किए गए चिकित्सा व्यवस्था की जांच के लिए पहुंची। टीम ने एयरपोर्ट, लोकबंधु अस्पताल के अलावा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने केजीएमयू की आईसोलेशन वार्ड व पैथोलॉजी की निरीक्षण किया। उन्होंने डॉक्टरों को सैंपल लेने पर बरती जाने वाली सावधानी की भी जानकारी दी। इसके अलावा कोरोना को लेकर जारी प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिये है।
राजधानी में कोरोना वायरस को लेकर सभी प्रमुख अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कोई संदिग्ध मरीज मिलने पर जांच से उपचार तक की चिकित्सा व्यवस्था को पड़ताल करने के लिए दोपहर में स्वास्थ्य मंत्रालय से तीन सदस्यीय दल लखनऊ पहुंचा। टीम ने पहले एयरपोर्ट पर ही जांच व चिकित्सा व्यवस्था की जांच किया। बताते चले कि बीतीरात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने एअरपोर्ट पर मास्क,किट आदि व्यवस्था का निरीक्षण किया था। इस दौरान टीम ने वहां पर तैनात डॉक्टरों को कोरोना वॉयरस के संदिग्ध मरीजों की पहचान के बारे में बताने व जांच के वक्त सावधानी क्या बरती जाएं। इसकी जानकारी। इसके बाद टीम लोकबंधु अस्पताल गई। वहां पर बने दस बेड के आईसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया।
इसके अलावा पीपी किट, सैंपल लेने वाले वॉयल व मरीजों को वार्ड तक लाने के लिए अलग मार्ग बनाए जाने के निर्देश दिए ताकि दूसरे लोग उसकी जद में न आ सके। इसके बाद टीम ने पैथोलॉजी में जाकर डॉक्टरों को नमूना लेने की बारीकी व उसे प्रिजर्व किए जाने के बारे में बताया। यही नहीं केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना वायरस की हो रही जांच के बारे में जानकारी ली आैर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। निरीक्षण करने आयी टीम का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता हो, तो उसके फैलने पर नियंत्रण किया जा सकता है, फिलहाल सावधानी किसी भी प्रकार डिजीज में बरतनी चाहिए।
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