लोहिया संस्थान: डाक्टरों के बवाल पर शासन गंभीर

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लखनऊ। गोमती नगर के स्थित डा. राम लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की कैथ लैब में हुए दो वरिष्ठ डाक्टरों के आरोप प्रत्यारोप व पुलिस रिपोर्ट के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने संस्थान निदेशक को तलब कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये है। उधर संस्थान प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी के सामने बृहस्पतिवार को दोनों डाक्टरों ने उपस्थित होकर बयान दर्ज कराये। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को कैथ लैब में डॉ. सुदर्शन व डॉ. आशीष झा के बीच आरोप प्रत्यारोप के बाद विवाद हो गया था। दोनों डॉक्टरों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाकर पुलिस में एफआइआर दर्ज करा दी थी। उधर कैथलैब में मौजूद मरीज रफीक के परिजन मो. रिजवान ने भी शिकायत की है। ऐसे में बृहस्पतिवार को मामले की जांच शुरू की गयी।

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जांच कमेटी में डीन डॉ. नुजहत हुसैन, न्यूरोलॉजी प्रमुख डॉ. अजय सिंह, यूरोलॉजी के डॉ. आलोक कुमार के समक्ष डॉक्टरों ने बयान दर्ज कराये। बताया जाता है कि डाक्टर के अलावा चिकित्सकों के बयान दर्ज किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कैथ लैब में घटना के समय मौजूद स्टाफ के भी बयान दर्ज किये जाएंगे। इसके बाद रिपोर्ट निदेशक को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही मरीज रफीक के इलाज का ब्योरा जांच कमेटी को सौंप दिया गया। इसमें एंजियोग्राफी की सीडी, ईसीजी समेत आदि रिपोर्ट हैं। जांच टीम मरीज की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी। निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी का कहना है कि मंगलवार की घटना से संस्थान की छवि खराब हुयी है। इस घटना को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर अनुशासनहीन डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई होगी।

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