लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बार फिर ट्रामा सेंटर की चिकित्सा व्यवस्थाओं को चाक चौंबद करने के लिए फेरबदल किया है। नयी व्यवस्था के तहत अब कैजुअल्टी की जिम्मेदारी इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को दे दी गयी है। यही नहीं कैजुअल्टी को तीन जोन में बांट दिया गया है, ताकि गंभीर मरीजों का उच्चस्तरीय इलाज मिल सके।
केजीएमयू प्रशासन ने कैजुअल्टी वार्ड की जिम्मेदारी इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. हैदर अब्बास आैर उनकी टीम को सौप दी गयी है। अब नयी व्यवस्था के तहत कैजुअल्टी वार्ड में रेजीडेंट डाक्टर, स्टाफ नर्स की तैनाती से लेकर मरीजों को विभिन्न विभागों में शिफ्ट करने तक की सभी जिम्मेदारी इसी विभाग को करनी होगी। विभाग की निगरानी में मरीजों की स्थिति के अनुसार गोल्डेन ऑवर का कांसेप्ट पूरा किय जाएगा।
डा. हैदर अब्बास ने बताया कि ट्रामा पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नयी व्यवस्था के तहत यहां आने वाले मरीजों में अति गंभीर मरीजों को रेड, कुछ ठीक मरीज को यलो जोन में रखा जाएगा। इसके अलावा जिन्हें कैजुअल्टी वार्ड में प्राथमिक इलाज देकर घर भेजा जा सकता है, उन्हें ग्रीन जोन में रखा जाएगा या फिर कुछ दिक्कत होने पर ऐसे मरीजों को उपचार के बाद संबंधित विभाग में भेज दिया जाएगा। केजीएमयू प्रति कुलपति प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन में है तो कैजुअल्टी वार्ड को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में रखा जाएगा। इसी के तहत यह व्यवस्था बनायी जा रही है। इससे व्यवस्थाएं मजबूत होंगी और मरीजों को तत्काल इलाज मिल सकेगा।
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