लखनऊ। योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के चौथे मुख्यमंत्री (सीएम) भले ही हों, लेकिन अपनी सरकार के कार्यकाल का तीन साल पूूरा करने वाले वो पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं। इससे पहले कल्याण सिंह,राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन किसी ने भी तीन साल पूरा नहीं किया ।
साल 1991 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के बाद कल्याण सिंह 24 जून 1991 को राज्य के मुख्यमंाी बने लेकिन 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद केंद्र में पीवी नरसिंहराव की सरकार ने उत्तर प्रदेश की सरकार को बर्खास्त कर दिया था । साल 1997 के विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला । भाजपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर छह छह महीने की शर्त पर सरकार बनाई । बसपा की मायावती ने अपने छह महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया लेकिन एक महीने के अंदर ही सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद शुरू हुआ था राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ का सिलसिला । भाजपा ने कांग्रेस और बसपा के 20 -20 विधायको तोड़ कर सरकार बचाई । अपनी मूल पार्टी से अलग हुये सभी विधायकों को मंाी बनाया गया । उत्तर प्रदेश में मंाियों की संख्या 100 हो गई थी । उस वक्त मंत्रियों की संख्या 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखने का कानून नहीं था ।
मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ही बने और सितम्बर 1997 से 11 जून 1999 तक मुख्यमंाी रहे । भाजपा से बगावत करने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया । प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई उन्हें केंद्र में मंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन कल्याण सिंह ने मना कर दिया और अलग पार्टी बना ली । उनके हटने के बाद राम प्रकाश गुप्त को 12 जून 1999 को मुख्यमंाी बनाया गया लेकिन अक्तूबर 2000 में उन्हें हटा कर राजनाथ सिंह को मुख्यमंाी बनाया गया । उनका कार्यकाल 2002 मार्च तक रहा ।योगी आदित्यनाथ 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद 19 मार्च को मुख्यमंाी बनाये गये और उनका कार्यकाल चल रहा है ।
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