लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर लिया गया है। इस तकनीक से कोविड- 19 के गंभीर मरीजों का इलाज करने वाले केजीएमयू प्रदेश का पहला चिकित्सा संस्थान होगा। इस तकनीक के प्रयोग के लिए केजीएमयू में ठीक हो चुके चार मरीजों की सहमति भी मिल गयी है।
केजीएमयू के ब्लड बैंक प्रभारी डा. तूलिका चंद्रा ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डा. डी. हिंमाशु के साथ प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने का प्रोटोकाल बना लिया गया है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में कोरोना के पांच मरीज ठीक हो कर जा चुके है। इनमें एक महिला डाक्टर वापस अपने बेटे के इलाज के लिए वापस आ गयी है। इसके बाद कुल चार मरीज बचते है। इस तकनीक के प्रयोग के लिए चार मरीजों की डिस्चार्ज होने के पहले काउंसलिंग की जा चुकी है। डिस्चार्ज होने के 21 दिन बाद इन मरीजों को वापस बुलाकर इनकी ब्लड की एंडी बाडी की जांच की जाएगी। जांच में प्रोटोकाल के अनुसार एंटी बाडी होने पर ब्लड से प्लाज्मा लिया जाएगा आैर उसका प्लाज्मा थेरेपी के तहत गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों के इलाज में किया जाएगा।
डा. तूलिका ने बताया कि इसके लिए पूरी तैयारी कर गयी है। बताते चले कि केजीएमयू में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर यूनिट भी तैयार कर ली गयी है आैर इसके लिए टीम भी गठित कर दी गयी है। पल्मोनरी क्रिटकल केयर मेडिसिन विभाग प्रमुख डा. वेद कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू यूनिट तैयार कर चुके है। इसके साथ ही वह कई अस्पताल के डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य को परीक्षण दे चुके है।
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