लखनऊ। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच पारा भी चढ़ने लगा है। पंखा की हवा बेअसर अौर एसी चलाना शुरू कर दिया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत वहां पर हो सकती ंहै, जहां पर सेंट्रल एसी का संचालन किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि सेंट्रल एसी से चलने ठंडी हवा से संक्रमण तेजी से फै लने की संभावना ज्यादा हो जाती है, जब कि विडों एसी से संक्रम कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ बढ़ते तापमान से भी लोग परेशान हो रहे है। लॉकडाउन के कारण घरों में लोग महफूज तो है, लेकिन अब पंखे की जगह एसी का संचालन किया जाने लगा है, लेकिन एसी संचालन को लेकर लगातार कई शोध हो रहे है।
अभी तक शोध में पाया गया है कि अगर घर या कहीं आैर विंडो एसी लगा है तो आपके कमरे की हवा उस कमरे तक ही रहेगी। इस लिए विंडो या कार में एसी चलाने में कोई दिक्कत नहीं है आैर जहां पर लगातार सेंट्रल एसी का संचालन हो रहा था। वहां पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इसको तकनीकी रूप से देखा जाए, तो सेंट्रल एसी से हवा सभी कमरों में जाती है आैर किसी दूसरे कमरे में या उसके किसी भाग में कोई व्यक्ति खांस रहा है आैर उसको संक्रमण है तो एसी की हवा से संक्रमण एक कमरे से दूसरे कमरे में भी फैल सकता है। इस बारे में कोरोना मरीजों का इलाज व शोध कर रहे विशेषज्ञ डाक्टर डी. हिंमाशु का कहना है कि सेंट्रल एसी से तकनीकी रूप से दिक्कत है। इससे संक्रमण फैल सकता है, परन्तु मरीजों में यह देखा गया है कि खांस पर या छींकने पर ज्यादातर ड्राप नीचे की ओर गिरते है, फिर संक्रमण कहीं भी हो सकता है।
ऐसे वर्तमान में सेंट्रल एसी संचालन में रिस्क बना रहता है। उन्होंने बताया कि उनके यहां सेंट्रल एसी के संचालन से बचा जा रहा है, खास कर जहां पर मरीज भर्ती है। केजीएमयू की ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वरिष्ठ डाक्टर शीतल वर्मा का कहना है कि सेंट्रल एसी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एयर फिल्टर की होती है। सामान्य एयर फिल्टर संक्रमण रोकने में कारगर नहीं होते है। अगर सेंट्रल एसी में हीफा फिल्टर लगे हो, तो सेंट्रल एसी के संचालन में संक्रमण फैलने का खतरा न के बराबर होता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में हवा को क्लीन करने का संसाधन अवश्य होना चाहिए।
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