लखनऊ । कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी अस्पताल में गर्भस्थ महिला की डिलीवरी करायी गयी। कोरोना संदिग्ध गर्भवती महिला की जांच के लिए नमूना लेकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेज दिया गया है। यह गर्भवती राजाजीपुरम के राजकीय रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय मे रविवार को प्रसवपीड़ा पर पहुंची थी। जहां पर गर्भवती में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल मे हड़कम्प मच गया। गर्भवती को डाक्टर ने उसे तत्काल क्वीन मेरी के लिए रेफर कर दिया गया।
पारा के पिंक सिटी निवासी अमित श्रीवास्तव की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर आरएलबी अस्पताल पहुंचे। जहाँ डा. अंजना शाहू ने गर्भवती का परीक्षण किया गया, तो पाया कि गर्भवती को तेज बुखार के साथ कोरोना के कई अन्य लक्षण लगे, जिसके कारण वह कोरोना संदिग्ध हो गयी, आनन -फानन में डाक्टर ने उसे क्वीन मैरी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने तत्काल लेबर रूम सहित अस्पताल को सैनिटाइजेशन कराया। किया गया। अस्पताल प्रशासन की अपनी तरफ से सावधानी बरतते हुए लेबर रूम की दो स्टाफ नर्सो के साथ दो वार्ड आया को गर्भवती की जांच रिपोर्ट आने तक अस्पताल मे ही रखा गया है। इस मामले पर अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके आर्या का कहना है कि गर्भवती को लिखित रूप मे रेफर नही किया गया है और न ही अस्पताल का लेबर रूम बंन्द किया गया है।
महिला मेंे कोरोना संदिग्ध होने पर अस्पताल का सैनिटाइजर कर स्टाफ को घर जाने के लिए रोका गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उधर क्वीन मेरी अस्पताल पहुंचने पर परिजनों ने आरएलबी अस्पताल से रेफर किये जाने के कारण बताया तो इमरजेंसी में तत्काल कोरोना गाइड लाइन का पालन करना सुनिश्चित किया। क्वीन मेरी की चिकित्सा अधीक्षक डा. एस पी जायसवार ने बताया कि कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए गर्भवती की डिलीवरी करायी गयी है। उसने शिशु को जन्म दिया है। इसके साथ ही कोरोना के लक्षण होने पर तत्काल जांच के लिए नमूना लेकर भेज दिया गया है।
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