प्लास्टिक सर्जरी के लिए देशी गाइड लाइन
इंटरनेशनल पर मिली मान्यता
लखनऊ। प्लास्टिक सर्जरी में कोरोना का जोखिम बढ़ गया है। ऐसे में देश के चिकित्सकों ने देशी गाइड लाइन बनाई है। चार भागों में बांटी गई सर्जरी से डॉक्टर, स्टाफ के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसमें मरीजों की वर्चुअल स्क्रीनिंग का भी सुझाव दिया गया है।
संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो राजीव अग्रवाल समेत कई डॉक्टरों ने मिलकर ऑपरेशन की गाइड लाइन बनाई। यह गाइड लाइन अगस्त के प्रथम सप्ताह में ब्रिटिश जर्नल में प्रकाशित हुई है। एक्सपर्ट ने प्लास्टिक सर्जरी के मरीजों को एक्युट, सब एक्युट, क्रॉनिक व डी लेट केस में बांटा है। इसमें मरीजों की चोट, बीमारी के लिहाज से सर्जरी का अलग-अलग समय तय किया गया है। खासकर, हाथ-पैर कटने, खून की नली में इंजरी, चेहरे ही हड्डियों में फ्रैक्चर, हाथ ही उंगलियों में फ्रैक्चर, रिकंस्ट्र क्टिव सर्जरी, घावों का उपचार, बर्न के मरीज, टेंडन समेत हर सर्जरी का प्रोटोकॉल तय कर दिया गया है।
सभी सर्जरी का समय एक से 30 दिन तक का तय किया गया है। इसमें मरीज के साथ-साथ स्टाफ में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाए भी बताए गए हैं। वहीं, ऑपरेशन थियेटर में संसाधन, टीम के प्रोटोकॉल सब अलग-अलग तय कर दिया गया है। लिहाजा, मरीजों की प्लास्टिक सर्जरी अब नई गाइड लाइन से होगी।
गाइड लाइन बनाने वाली टीम
एसजीपीजीआइ डॉ. राजीव अग्रवाल, एम्स दिल्ली डॉ. मनीष सिंघल, टाटा हॉस्पिटल मुंबई डॉ. विनय कांत, जिपमर पांडिचेरी, डॉ रंजीत, एम्स जोधपुर डॉ. वीण सिंह , केजीएमयू के पूर्व चिकित्सा डॉ. रमेश चंद्रा ने नई गाइडलाइन तैयार की है।