कोरोना जांच के लिए अब यह देना जरूरी

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लखनऊ। लगभग 2509 से अधिक जांच में कोरोना संक्रमित मरीजों का कुछ भी अता- पता न चलने पर स्वास्थ्य विभाग अब सतर्क हो गया है। पता नहीं चलने पर मरीज पाजिटिव आने के बाद उनके गायब होने से संक्रमण फैलने खतरा बन चुका होता है। लगातार हो रही इस गड़बड़ी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि स्थानीय पता का आइडी प्रूफ लिए बगैर कोरोना के मरीज की जांच नहीं की जाए। अगर होती है,तो लैब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
अभी तक संदिग्ध मरीजों से जांच से पहले फार्म पर सिर्फ उनका मोबाइल नंबर व पता लिखवाया जाता था, जिसमें आइडी प्रूफ देना अनिवार्य नहीं था। जांच के बाद पाजिटिव होने के डर से लोग गलत पता व मोबाइल नंबर लिख दिया करते थे। पॉजिटिव आने के बाद ऐसे मरीजों से सम्पर्क करना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत बनता जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि बहुत से मरीज अपने गांव का आधार कार्ड लगा देते हैं। इसमें मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पाता। इसलिए अब स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल नंबर व आइडी प्रूफ के साथ उनका मौजूदा पता के प्रूफ के साथ अनिवार्य रूप से लिखे जाने का निर्देश जांच करने वाली सभी लैब को दिया है। डिप्टी सीएमओ डॉ केडी मिश्रा ने बताया कि कई मरीज तो दूसरे राज्यों व जनपदों के हैं। जिन्होंने जांच में अपना सिर्फ आधार कार्ड लगाया है। उनका मोबाइल नंबर गलत दर्ज है। इससे उन्हें सम्पर्क करने में दिक्कत आ रही है। अगर इन सभी का वर्तमान स्थानीय पता भी सही नही लिखा गया।

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